भारत (India) मार्च महीने में यूरोप (Europe) का सबसे बड़ा रिफाइंड फ्यूल (Refined Fuel) सप्लायर बन गया है। एनालिटिक्स फर्म केप्लर की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप की भारतीय क्रूड ऑयल प्रोडक्ट पर निर्भरता बढ़ी है। उधर, भारत रिकॉर्ड मात्रा में रूस से क्रूड ऑयल खरीद रहा है।
केप्लर के अनुसार, भारत से यूरोप हर दिन औसतन 3.60 लाख बैरल रिफाइंड फ्यूल खरीद रहा है। बता दें कि रिफाइंड फ्यूल उन पेट्रोलियम प्रोडक्ट को कहा जाता है, जिन्हें क्रूड ऑयल के अमोटाइजेशन के बाद तैयार किया जाता है। डीजल और पेट्रोल इसके उदाहरण हैं।
केप्लर की रिपोर्ट से पता चलता है कि रूसी फ्यूल पर प्रतिबंध के बाद से इंडियन क्रूड ऑयल पर यूरोप की निर्भरता बढ़ी है। वहीं भारत में रूसी क्रूड ऑयल का इंपोर्ट अप्रैल में हर दिन औसतन 2 मिलियन प्रति बैरल पहुंचने की उम्मीद है, जो देश के कुल तेल आयात का लगभग 44% है।
वहीं, 24 फरवरी 2022 से शुरू हुई रूस-यूक्रेन की जंग के बाद से भारत सस्ती दरों पर रूस से क्रूड ऑयल खरीद रहा है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 (एफवाई 23) में पहली बार रूस भारत का प्रमुख क्रूड ऑयल सप्लायर बनकर उभरा है। युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों ने इस क्रूड ऑयल ट्रेड को लेकर विरोध भी दर्ज कराया, लेकिन उसका भारत और रूस के बीच बिजनेस पर कोई भी असर नहीं पड़ा।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से यूरोपीय देश रूस का बॉयकॉट कर रहे हैं। यूरोप ने पिछले साल दिसंबर में रूसी क्रूड ऑयल पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध के पहले तक यूरोपीय देश अपनी जरूरत का लगभग 30% क्रूड ऑयल रूस से खरीदते थे। हालांकि, अब रूस का ही क्रूड ऑयल भारत के जरिए यूरोपीय देशों के पास पहुंच रहा है।






















































