कथित अमेरिकी हैकर सैयद शुजा के झूठे निकले दावे, न तो ECIL में काम किया और न ही हैदराबाद के किसी कॉलेज से डिग्री ली

एक कथित अमेरिकी हैकर सैयद शुजा ने लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया है कि भारत में ईवीएम हैक हो सकती हैं. इस हैकर ने दावा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में उसने बीजेपी के लिए भी हैकिंग की थी. हैकिंग के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे ने उनकी टीम से संपर्क किया था. कथित हैकर ने कहा कि बीजेपी के अलावा एसपी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी ईवीएम के जरिये धांधली में शामिल है.


शुजा के मुताबिक, गोपीनाथ मुंडे और गौरी लंकेश की मौत कहीं न कहीं ईवीएम से जुड़ी हुई थी. सैयद शुजा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में दावे तो किए लेकिन वो इसके सबूत पेश नहीं कर पाए. फिलहाल सवाल यह है कि आखिर ये सनसनीखेज दावे करने वाला सैद शुजा है कौन? कहा जा रहा है कि सैयद शुजा एक साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर है, जो हैदराबाद का रहने वाला है और फिलहाल अमेरिका में नौकरी करता है. सैयद शुजा की मानें तो वो भारत में वोटिंग के लिए ईवीएम मशीन बनाने वाली टीम का हिस्सा था. शुजा के मुताबिक, वो ECIL (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स निगम लिमिटेड) में काम करता था.


वहीं जब मीडिया ने ECIL से सैयद शुजा के बारे जानकारी मांगी तो उन्होंने साफ़ इंकार कर दिया. अधिकृत अधिकारीयों का कहना है कि सैयद शुजा नाम का कोई भी व्यक्ति हमारे यहाँ कभी काम नहीं किया. उन्होंने अपने पूरे रिकॉर्ड खंगाले लेकिन इस नाम का कोई भी व्यक्ति दस्तावेजों में नहीं मिला.


कुछ ऐसी ही हवा शुजा के दूसरे दावे की भी निकल गयी जिसमें उसने कहा था कि उसने हैदराबाद के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की है. मीडिया ने जब उस कॉलेज में जाकर जांच पड़ताल की तो तो शुजा का यह दावा भी झूठा ही निकाला. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति हमारे यहाँ नहीं पढ़ा है.


हैकर के इस खुलासे पर चुनाव आयोग ने कहा है कि ईवीएम हैकिंग का दावा गलत है. चुनाव आयोग चुनाव में जिन ईवीएम का इस्तेमाल करता है, वह पूरी तरह से सुरक्षित है. मशीन तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में ही तैयार होती है. लंदन में हैकिंग को लेकर आयोजित कार्यक्रम को चुनाव आयोग ने प्रायोजित करार दिया है.



चुनाव आयोग ने यह भी कहा है, ‘भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम भारत इलेक्ट्रॉनिक ऐंड कॉर्पोरेशल ऑफ इंडिया लिमिटेड की तरफ से बेहद कड़े सुपरविजन में बनाई जाती हैं. साल 2010 में गठित तकनीकी विशेषज्ञों की एक कमिटी की देखरेख में यह पूरा काम होता है.


चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर एवीएम हैकिंग का दावा करने वाले पर एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है. आयोग ने कहा कि इस मामले में सैयद शुजा के बयान के आधार पर जांच की जानी चाहिए.


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