मजबूरी भी शौक को जन्म देती है’, पहले IIT और फिर UPSC में सफलता, पढ़िए IPS विनय तिवारी की कहानी

पढ़ने का शौक नहीं था, पढ़ाई शुरू तो मजबूरी में की थी। आर्थिक सुरक्षा की गारंटी पढ़ाई में दिखी थी। लगता था जैसे निश्चिंत हो जाऊंगा, पर मन की शांति सिर्फ अर्थ से नहीं आती अपितु अर्थ से तो नहीं ही आएगी यह निश्चित है। मजबूरी भी शौक को जन्म देती है। ये कहना है कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के निवासी आईपीएस विनय तिवारी (IPS Vinay Tiwari) का, जिन्होंने पिता के संघर्ष और त्याग से सीख ली और यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपने माता-पिता का सपना सच कर दिखाया।


विनय तिवारी बताते हैं कि बचपन में वो पढ़ाई से दूर भागते थे लेकिन किताबों ने ऐसा जादू किया कि पढ़ने का शौक लग गया। पिता के लोन और कर्तव्य साथ लेकर वह यूपीएससी के दूसरे अटेम्प्ट में ही आईपीएस अधिकारी बन गए। विनय तिवारी का बचपन यूपी के ललितपुर जनपद में ही बीता। उनके पिता ने खेती-किसानी करके उन्हें पढ़ाया। उन्होंने बताया कि 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद कोटा में इंजिनियरिंग की कोचिंग करने लगे।


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इसके बाद बनारस हिन्दु युनिवर्सिटी (बीएचयु) से आईआईटी में ग्रेजुएट हुए। उन्होंने बताया कि जब आईआईटी, बीएचयू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की थी तो नौकरी करना चाहते थे, लेकिन पिता ने उन्हें प्रेरित किया। विनय तिवारी बताते हैं कि जब पढ़ाई के लिए लोन लिया हो तो आप बहुत मेहनत करते हो। संघर्ष मेरा कभी न था, वह हमेशा पिता का था। लोन उन्होंने ली थी, सामाजिक प्रतिष्ठा उनकी थी। आईटीआई बीएचयू से अच्छी नौकरी मिली थी।


विनय तिवारी बताते हैं कि उन्होंने पिता से पूछा कि कहीं जाकर पढऩा कठिन होता है। पैसे तो लगते ही है बहुत ज्यादा और सुना था कि यूपीएससी बहुत कठिन परीक्षा है। नौकरी के साथ साथ प्रयास कर लूंगा। पापा ने कहा कि देखो त्याग करोगे तो अच्छा पाओगे। सपना देखा है तो उसको पूरा करने का प्रयास पूरे मन से करो।


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विनय अपने पिता का ख्वाब पूरा करने चाहते थे, इसलिए तैयारी करने के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन पहले प्रयास में असफल रहे। उन्होंने बताया कि पहले प्रयास में जब मेरा चयन नहीं हुआ तो भी पिता ने हिम्मत बांधी। पिता ने कहा कि बड़ी परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता नहीं मिलती।


अब दोबारा उन्होंने गण‍ित विषय को छोड़ने का निर्णय लिया। अब दोबारा में समाज शास्त्र, भूगोल और इतिहास विषय से पढ़ना शुरू किया तो दूसरे प्रयास में ही सफलता मिल गई। दूसरे प्रयास से यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए विनय तिवारी वर्तमान में बिहार की राजधानी पटना में तैनात हैं। उन्होंने अपने किसान पिता के काबिल बेटे होने का फर्ज निभाया है। विनय तिवारी आज भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थि‍यों को अपने ब्लॉग dreamstrugglebepositive के जरिये टिप्स देते हैं।


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