Jagdeep Dhankhar: वकालत से सियासत में आए, जानिए कौन हैं जगदीप धनखड़ जो बने देश के नए उपराष्ट्रपति

Jagdeep Dhankhar: एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है. जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर उपराष्ट्रपति का चुनाव जीता. जगदीप धनखड़ को 582 और मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले. लोकसभा महासचिव उत्पल के सिंह ने बताया कि एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को कुल 725 वोटों में से 528 वोट और विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले. एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने 346 वोटों से जीत हासिल की. 15 वोटों को अवैध करार दिया गया. उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 92.94 फीसदी मतदान हुआ.

इससे पहले सुबह उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कई केंद्रीय मंत्रियों और अलग-अलग दलों के सांसदों ने मतदान किया. मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम पांच बजे समाप्त हो गया था. प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले वोट डालने वाले सांसदों में शामिल रहे. उन्होंने मतदान से जुड़ी एक तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा कि 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया.

18 मई 1951 को राजस्थान के छोटे से जिले झुनझुनू के कैथाना गांव में जन्मे जगदीप धनखड़ के देश के दूसरे सबसे सर्वोच्च पद तक पहुंचने तक का सफर काफी दिलचस्प है. उनके पिता का नाम गोकल चंद और मां का नाम केसरी देवी है. जगदीप अपने चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर आते हैं. उन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. फिर सैनिक स्कूल में पढ़ाई के बाद उन्होंने राजस्थान के प्रतिष्ठित महाराज कॉलेज, जयपुर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर फिजिक्स में BSE की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने साल 1978 में जयपुर यूनिवर्सिटी में एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया.

देश के प्रतिष्ठित वकीलों में शुमार रहे धनखड़

जगदीप धनखड़ ने कानून की डिग्री लेने के लेने बाद वकालत शुरू कर दी और साल 1990 में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का ओहदा दिया गया. धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश की कई हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की है. साल 1988 तक वह देश के प्रतिष्ठित वकीलों में शुमार हो गए थे. राज्यपाल पद संभालने से पहले तक वह राजस्थान हाई कोर्ट के सीनियर मोस्ट काउंसिल थे.

कैसा रहा सियासी सफर 

नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजनीतिक सफर की बात करें तो जनता दल के जमाने से राजनीति में हैं. वह साल 1989 में झुंझनुं से सांसद बने थे. वह 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे. वह कांग्रेस में भी रह चुके हैं. 2003 में वह बीजेपी में शामिल हो गए. 30 जुलाई 2019 को उन्होंने बंगाल के 28वें राज्यपाल का पद संभाला था.

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर जगदीप धनखड़ का रुख ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ रहा. विधानसभा में भी दोनों नेताओं के बीच तल्खी साफ नजर आती रही. ममता बनर्जी भी उन पर संवैधानिक पद के दुरुपयोग का आरोप लगाती रही हैं. जगदीप धनखड़ ममता बनर्जी सरकार के आलोचकों में से एक हैं. वह राज्य की राजनीतिक अस्थिरता के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार को दोष देते रहे हैं. वह राज्य में भड़की हिंसा के लिए भी टीएमसी को ही जिम्मेदार ठहराते रहे हैं.

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