सोशल मीडिया पर किसी दल को ‘जिताया’ तो एडमिन पर होगा मुकदमा, वाट्सअप ग्रुप पर होगी निगरानी

आने वाले लोकसभा चुनाव की तारीख आ चुकी है ऐसे में हर एक पार्टी अपने आप को बेस्ट साबित करने में लग चुकी है. पार्टी के नेता के साथ उनके समर्थक भी अपने चहेते नेता व पसंदीदा पार्टी का गुणगान करने से पीछे से नहीं रहेंगे, ऐसे में काई बार आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाई जाती हैं. आज के समय में सोशल मीडिया प्रचार-प्रसार का सबसे बड़ा अड्डा बन चुका है. और यह सच है आकड़ों के हिसाब से क्योंकि अकेले फेसबुक पर लगभग 300 मिलियन यूजर एक्टिव हैं.


साथ ही वाट्सअप पर 200 मिलियन और नीली चिड़िया के नाम से मशहूर ट्वीटर पर 34.4 मिलियन यूजर एक्टिव हैं. एक सर्वे के अनुसार भारत में चुनाव के समय सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल किया जाता है और इसका जीता जागता उदाहरण 2014 का चुनाव है. आचार संहिता लगने के बाद चुनाव आयोग इस बार ऑफलाइन प्रचार-प्रसार के साथ ऑनलाइन प्रचार-प्रसार पर भी अपनी पैनी नजर बनाए हुए है.


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चुनाव आयोग उन सभी सोशल प्लेटफॉर्म पर नजर बनाए हुए है जहां किसी खास दल को जिताने, धर्म, भाषा संबंधी भड़काऊ भाषण जैसी पोस्ट अपडेट करके चुनाव प्रभावित कर रहे है. चुनाव आयोग ने साफ किया है की ऐसी पोस्ट को डालने वाले व उसके प्रचार-प्रसार में सम्मिलित होने वाले लोगों पर मुकदमा चलेगा जिनमें व्हाट्स ग्रुप के एडमिन व उसका सहयोग करने वाले शामिल होंगे.


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सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं 75-80 करोड़ वोटर


बता दें कि, 2014 के लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया के लोकप्रिय प्लेटफार्म जैसे- फेसबुक, व्हॉटसएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम का जबरदस्त इस्तेमाल किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी करीब 91 करोड़ वोटरों में 75-80 करोड़ वोटर सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सभी राजनितिक पार्टियां सोशल मीडिया पर इन वोटर्स को रिझाने में जुट गईं है. ख़बरों की माने तो इसके लिए विशेष रूप से आईटी सेल बनाया गया है जो चुनाव का प्रचार-प्रसार ऑनलाइन करेगी.


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आईटी सेल कर रही चुनाव प्रचार


सभी राजनीतिक दल की आईटी सेल पूरी तरह से एक्टिव हो चुकी है जो सोशल मीडिया पर दूसरी पार्टियों के दोष मढ़ने व उनका बखान करने में लग गया है. इसी कड़ी में कई बार यह आईटी सेल कई बार ऐसे पोस्ट करती है जो आम जानता को भड़काती हैं. इन सभी चीजों से निपटने के लिए इस बार निर्वाचन आयोग इन सभी आईटी सेल पर निगाहें बनाए हुए है. इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता का पालन कराने वाली टीम भी निगरानी कर रही है. ऐसी पोस्ट वायरल होने पर ग्रुप, पेज एडमिन, अकाउंट होल्डर के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया जाएगा.


सोशल मीडिया पर पोस्ट के लिए टीम निगाह बनाई हुई हैं. किसी दल या उम्मीदवार को जिताने, भड़काऊ पोस्ट पर एडमिन के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज होगा.


  • शंकर वोरा, प्रभारी आदर्श आचार संहिता पालन

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