पाकिस्तानियों ने बयां किया दर्द, मुस्लिमों की बीवियों और बच्चों को अगवा कर रहा चीन

पाकिस्तान के नागरिकों ने चीन को लेकर जो खुलासा किया है, उसकी वजह से चीन की काफी आलोचना हो रही है। चीन का जिनजियांग प्रांत उइगुर मुस्लिम बहुल है और यहां इस्लाम के प्रचार प्रसार को रोकने के लिए चीन की सरकार ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं। आलम ये है कि बड़ी सख्या में मुस्लिमों को नजरबंदी कैंपों में जबरन रखा गया है, जहां उन्हें चीन सरकार फिर से शिक्षित करने की बात कर रही है।

 

पाकिस्तानियों की पत्नियों और बच्चों को हिरासत में लेकर किया जा रहा नजरबंद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई पाकिस्तानी नागरिक व्यापार के सिलसिले में चीन में रहते हैं और उन्होंने वहां चीन के पारंपरिक उइगुर समुदाय की महिलाओं के साथ शादी की हुई है। लेकिन अब चीन ने इन पाकिस्तानी नागरिकों की पत्नियों और बच्चों को भी हिरासत में लेकर नजरबंदी कैंपों में रखा हुआ है। यही वजह है कि पाकिस्तानी नागरिक चीन के साथ ही पाकिस्तान की सरकार से भी मदद की गुहार लगा रहे हैं।

 

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वहीं, अभी तक इन पाकिस्तानी नागरिकों को उनकी पत्नियों से मिलने की परमिशन नहीं मिल पाई है। एक पाकिस्तानी नागरिक चौधरी जावेद अट्टा ने न्यूज एजेंसी एपी से बातचीत में बताया है कि वह व्यापार के सिलसिले में चीन की मुस्लिम बहुल जिनजियांग प्रांत में रहते थे। जावेद अट्टा ने बताया कि करीब एक साल पहले वह अपना वीजा रिन्यू कराने के लिए पाकिस्तान आए।

 

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इसी बीच चीन ने उनकी पत्नी और बच्चों को हिरासत में लेकर नजरबंदी कैंप में भेज दिया। उन्होंने बताया है कि उनके बच्चों को नजरबंदी कैंप में स्थित बाल सुधार गृह में रखा गया है और उनकी पत्नी को नजरबंदी कैंप में ही बच्चों से अलग रखा गया है। जावेद अट्टा ने बताया है कि उनकी तरह ही 200 अन्य पाकिस्तानी नागरिकों की चीनी पत्नियों को चीन ने नजरबंदी कैंप में रखा है और कोई भी उनसे मिल नहीं पा रहा है।

 

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