बिकरु कांड: दोषी पाए गए SO और दारोगा पर इन आरोपों की हुई पुष्टि, बर्खास्तगी जल्द

कानपुर के बिकरू कांड में विकास दुबे की मुखबिरी करने के मामले के दो पुलिसकर्मियों का नाम सामने आया था। जांच में चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और दारोगा केके शर्मा के हर एक आरोप की पुष्टि हो गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया (14क के तहत कार्रवाई) शुरू होगी। इन दोनों के खिलाफ जांच करने वाली टीम के पास सबूत भी है।


रिपोर्ट में हुआ खुलासा

जानकारी के मुताबिक, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई की रात अपने गुर्गो के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा पुलिस टीम के साथ विकास दुबे को पकड़ने के लिए बिकरू गांव गए थे। पुलिस महकमें में छिपे ‘विभीषणों’ ने विकास दुबे को दबिश की सूचना पहले ही देदी थी। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने सुनियोजित तरीके से घेराबंदी कर पुलिस कर्मियों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थी। जिसमें सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी


जांच रिपोर्ट में दोनों पुलिस कर्मियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिपोर्ट बतौर साक्ष्य पेश की गई है। बताया गया है कि दो जुलाई को हलका प्रभारी केके शर्मा की विकास दुबे से करीब पांच बार बात हुई थी। जांच रिपोर्ट में केके शर्मा को मुखबिर माना गया है कि उसने दबिश की सूचना विकास को दी थी। दो जुलाई को विनय तिवारी से भी विकास की बातचीत के साक्ष्य मिले हैं। विनय ने किसी दूसरे के मोबाइल से विकास से बात की थी।


शुरू होगी बर्खास्तगी की कार्रवाई

विभागीय जांच में तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा मुखबिरी के दोषी पाए गए है। फिलहाल दोनों पुलिसकर्मी माती जेल में बंद हैं। विभागीय जांच कर रहे एसपी ग्रामीण ने अपनी रिपोर्ट डीआईजी को सौंप दी है। जल्द ही दोनों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हो सकती है।


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