मोदी के सहारे नीतीश की नैया पार, ये रहे NDA की जीत के 5 बड़े कारण

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election Results) के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है बिहार (Bihar) की जनता की नब्ज पकड़ना किसी भी एग्जिट पोल (Exit poll) के बस की बात नहीं है. ​बिहार चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल ने भले ही महागठबंधन (mahagathbandhan) के सिर पर जीत का सेहरा बांध दिया हो लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट निकली है. बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन चुकी है और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अगले पांच सालों के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने को तैयार हैं. बता दें बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 सीटें, महागठबंधन को 110 सीटें, एलजेपी को 1 जबकि अन्य के खाते में 7 सीटें गई हैं.


बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार ने साबित कर दिया कि उनका सुशासन बिहार की जनता की पहली पसंद है और वहां के लोग अभी भी उनपर भरोसा करते हैं. हालांकि इस चुनाव को पूरी तरह से नीतीश कुमार के पक्ष में करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से बिहार में चुनावी रैलियां की उसके बाद से एनडीए पर बिहार की जनता का भरोसा बढ़ गया. प्रधानमंत्री ने लोगों को आगाह किया कि उनका वोट एक बार फिर बिहार में जंगलराज ला सकता है. प्रधानमंत्री की यही बात शायद बिहार की जनता के दिल में घर कर गई. इसके बाद चुनाव के दिन जो हुआ वह आज सबके सामने है.


बिहार के चुनाव नतीजों पर गौर करें तो एनडीए में बीजेपी के खाते में सबसे ज्यादा सीटें गई हैं. बिहार के चुनाव में बीजेपी को 74 सीटें हासिल हुई हैं. वहीं जनता दल यूनाइटेड के खाते में 43 सीटें गई हैं. इस बार के चुनाव में वीआईपी को 4 हम को 4 सीट मिली है. इस बार के बिहार विधान सभा चुनाव में महागठबंधन से बीजेपी को कड़ी टक्कर मिली है.


फिर चला मोदी मैजिक

बिहार विधान सभा चुनाव में एक बार फिर मोदी मैजिक (Modi Magic) ने काम किया. 15 साल से लगातार बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार है, ऐसे में जनता को सरकार से जो थोड़ी बहुत नाराजगी थी उसे भी ब्रांड मोदी (Brand Modi) ने खत्म कर दिया. 


ये रहे NDA की जीत के 5 कारण

1. जब लोग तेजस्वी यादव की रैलियां देखकर चुनाव में जीत-हार का अंदाजा लगा रहे थे, तब नरेंद्र मोदी ने बिहार में 12 रैलियों से भरोसा जताया कि जीत सुशासन के अनुभव की होगी.
2. नरेंद्र मोदी ने तेजस्वी को जंगलराज का युवराज कहते हुए बिहार को लालू यादव के 15 साल में जंगलराज की याद भी दिलाई और परिवारवाद के मुकाबले विकासवाद को खड़ा किया.
3. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बिहार को विकासवाद के मुद्दे से जोड़ा. डबल युवराज के मुकाबले डबल इंजन का नारा दिया और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन पर भरोसा बढ़ाया. बिहार को अहंकार की हार और परिश्रम की जीत के नारे के साथ जोड़ा.
4. बिहार में नीतीश सरकार विरोधी लहर को नरेंद्र मोदी ने बेअसर किया और रोजगार के भरोसे के साथ बिहार को बताया कि विपक्ष को भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारों से डर क्यों लगता है ?
5.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया और केंद्र की योजनाओं से मिले लाभ की वजह से भी एनडीए के पक्ष में भारी मतदान हुआ.


बिहार में जीत सरकार के काम पर मुहर

बिहार चुनाव (Bihar election results 2020) ने फिर साबित कर दिया, कि भारत में भरोसे की राजनीति के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हैं. बिहार की चुनावी रैलियों में मोदी ने जो कहा, लोगों ने उस पर वोट दिया. बीजेपी भले नीतीश के नेतृत्व  में चुनाव लड़ी, लेकिन पूरे चुनाव के नेतृत्व नरेंद्र मोदी ही कर रहे थे. बिहार चुनाव में बीजेपी की जीत कोरोना के वक्त मोदी सरकार के काम पर मुहर है. चीन की गुरुर की गर्दन तोड़ने पर पहला जनमत है और आत्मनिर्भर भारत के अभियान पर विजय दस्तक है.


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