Magh Mela 2022: माघ मेले में इन पुलिसकर्मियों को नहीं मिलेगी तैनाती, शिकायत मिलने पर भेजा जाएगा वापस

14 जनवरी मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से प्रयागराज में माघ मेले की शुरुआत होने जा रही है. जिसके चलते प्रशासन ने तैयारियां करना शुरु कर दिया है. दरअसल सुरक्षा के मद्देनजर माघ मेले में पुलिस फोर्स भेजी जाती है. पर इस बीर ये आदेश जारी किए गए हैं कि मेले में सिर्फ नॉन एल्कोहलिक और वेज खाने वाले पुलिसकर्मियों की ही तैनाती की जाएगी. इसके साथ यह भी देखा जाएगा कि उनका आचरण भी अच्छा हो. इसके साथ ही ये आदेश भी जारी किए गए हैं कि अवसाद व अन्य बीमारियों से ग्रसित हो उन्हें मेले में न भेजा जाए.

शिकायत मिलने पर भेजा जाएगा वापस

जानकारी के मुताबिक, माघ मेला एसपी राजीव नारायण मिश्रा के मुताबिक माघ मेले में सिविल पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री को मिलाकर 5000 फोर्स मेले की सुरक्षा में तैनात की जा रही है. मेले में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाते समय ही संबंधित जिलों, इकाइयों और पीएसी के कमांडर को यह जानकारी दे दी जाती है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को ही ड्यूटी पर भेजा जाए जो धार्मिक प्रवृत्ति के हो और मेले में ड्यूटी करना चाहते हो. लेकिन अगर माघ मेला ड्यूटी के दौरान उनके द्वारा शराब का सेवन या फिर नॉनवेज खाने की कोई शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ न केवल कार्रवाई की जाएगी बल्कि मेला ड्यूटी से हटाकर उन्हें वापस उनके मूल जिले में भेज दिया जाएगा.

अफसरों की मानें तो मेले की ड्यूटी पुलिसिंग से बिल्कुल अलग तरह की है. इसलिए मेले में आने वाले पुलिसकर्मियों को बिहैवियर ट्रेनिंग भी दी जा रही है. मेले में अलग-अलग तरह की फोर्स आती है. इसलिए उनके बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके इसके लिए भी उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. यह ट्रेनिंग आउटडोर और इंडोर दोनों तरह से दी जाती है. आउटडोर ट्रेनिंग में फिजिकल ट्रेनिंग एक्सरसाइज और योगा कराया जाता है. जबकि इंडोर ट्रेनिंग में सॉफ्ट स्किल यानी व्यवहारिक कौशल की ट्रेनिंग दी जाती है.

हिंदी के साथ अंग्रेजी का भी ज्ञान होना है जरूरी

एसपी माघ मेला ने बताया कि मेले में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं, ऐसे में इस तरह के पुलिसकर्मियों को भी वरीयता दी जा रही है जो बाइलिंगुअल हैं, उन्हें हिंदी के साथ अंग्रेजी का भी अच्छा ज्ञान है. वे अंग्रेजी बोलने में भी सक्षम हैं. माघ मेले में इस बार 13 थाने 36 पुलिस चौकियां और 13 फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही साथ पूरे मेले की सुरक्षा के लिए तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. पहली बार मेले में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाकर लगभग 200 की जा रही है ताकि मेले के हर क्षेत्र पर पैनी निगाह रखी जा सके.

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