योगी कैबिनेट के 9 बड़े फैसले, अग्रिम जमानत को मिली मंजूरी

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. बैठक से पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इसके बाद एक शोक प्रस्ताव पढ़ा गया. अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया. बैठक में 9 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई. पास हुए प्रस्तावों में सबसे महत्वपूर्ण फैसला जमानत के लिए हुआ. अब हाई कोर्ट से नहीं लोवर कोर्ट से ही अग्रिम जमानत मिलने के प्रावधान को हरी झंडी दे दी गई. आपातकाल के दौरान यह व्यवस्था यूपी और उत्तराखंड में बंद कर दी गई थी. इस दौरान वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 40 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट को भी मंजूरी दी गई.

 

योगी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन 1976 के तहत अग्रिम जमानत की व्यवस्था खत्म कर दी गई थी. लेकिन अब अभियुक्त का अग्रिम जमानत के लिए मौजूद रहना आवश्यक नहीं है. इसके लिए कुछ शर्त निर्धारित की गयी हैं. इसके मुताबिक आवेदक किसी पुलिस अधिकारी के समक्ष पूछताछ के लिए जरूरत पडऩे पर मौजूद रहेगा. वह किसी को धमकी नहीं देगा. आवेदक बिना अनुमति के भारत नहीं छोड़ेगा. गंभीर अपराधों में और औषधि अधिनियम, शासकीय अधिनियम, समाज विरोधी अपराध पर कोई जमानत नहीं मिलेगी. गैंगेस्टर एक्ट और उन मामलों में जिनमें मृत्यु दंड दिया जाना है उसमें भी अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी. सरकार को सुनने के बाद 30 दिन के भीतर अग्रिम जमानत के मामले पर कोर्ट को फैसला करना होगा.

 

एससी-एसटी एक्ट इसमें शामिल नहीं

प्रवक्ता ने बताया कि 438 सीआरपीसी को नए तरीके से संशोधित किया गया है. 2006 में एक पिटीशन में कहा गया था कि इसे रिप्रडू्यस करना चाहिए. प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ड्राफ्ट रखा था. कहा गया था कि अग्रिम जमानत का बोझ हाई कोर्ट पर बढ़ रहा था. अब इससे हाई कोर्ट को राहत मिलेगी और लोगों को भी भटकना नहीं होगा. एससी एसटी एक्ट इसमें शामिल नहीं होगा.

 

रोजगार की होगी व्यवस्था

सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि उद्योग एवं रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय मदद दी जाएगी. 10 इकाइयों में 3400 करोड़ रुपए को 3491 रोजगार का सृजन होगा. एसीसी, अम्बा शक्ति, ग्लेन स्पार्क, कनोडिया बिजनेस फर्रुखाबाद, कनोडिया निर्माण फर्रुखाबाद, कनोडिया कासगंज, कनोडिया सीमेंट, सांची एजेंसी इलाहाबाद और सांची एजेंसी रायबरेली और पतवारा मेरठ में ये कम्पनियां लगेंगी. इन्हें जीएसटी और स्टाम्प ड्यूटी छूट दी जाएगी. नई यूनिट को इलेक्ट्रिसिटी में भी छूट दी जाएगी. इसके अलावा चंदोली 400 बेड के अस्पताल के निर्माण के लिए वहां के वीआरएच हेल्थ एंड रिसर्च प्राईवेट लिमिटेड को जीबीएल कम्पनी की छह एकड़ जमीन स्थानांतरित की जाएगी. इसके निर्माण 500 लोगों को सीधे और इतने ही लोगों परोक्ष रूप से काम मिलेगा. गौरतलब है कि योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 को मंजूरी दी थी. इसके तहत निवेश करने वाले उद्यमियों ने सरकार के सामने 10 प्रोजेक्ट का कार्य पूरा होने का हवाला देते हुए नियमानुसार रियायतें व सुविधाएं देने का आवेदन किया था. औद्योगिक विकास विभाग ने करीब 3000 करोड़ रुपये से जुड़े निवेश प्रोजेक्ट पर रियायतें व सुविधाएं देने से जुड़ा प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा था, जिसे मंजूरी दे दी गई है.

 

मंडी शुल्क में छूट

तिल निर्यात नीति को आगामी पांच साल के लिए लागू किया जाएगा. तिल नीति में सीधे निर्यात शुल्क और मंडी शुल्क में छूट दी जाएगी. निवेशक को 75 प्रतिशत 25 प्रतिशत शुल्क का प्रावधान रखा गया है. अढ़तियों से खरीदने पर केवल मंडी शुल्क में ही छूट दी जाएगी.

 

गुड़ खांडसारी नीति तीन साल के लिए लागू

गुड़ खांडसारी नीति समाधान योजना के तहत 2018-19 के लिए लागू की गई है. पिछले साल यह योजना नहीं आई इसलिए पिछले साल को देखते हुए वर्ष 2016-17 से 2019 तक के लिए समाधान नीति जारी कर दी गई है. इसलिए हर साल 10 प्रतिशत बढ़ाकर मंडी शुल्क लिया जाएगा. वह दो किस्तों में लिया जाएगा.

 

कैबिनेट बैठक में अटलजी के देश-दुनिया व विशेष तौर पर यूपी के प्रति किए गए विशेष योगदानों का उल्लेख करते हुए शोक प्रस्ताव पारित किया गया. इसके बाद अनुपूरक बजट, निवेशकों से जुड़ी परियोजनाओं के प्रोत्साहन सहित नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. ये भी तय हुआ कि अग्रिम जमानत विधेयक मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा.

 

अटलजी पर केंद्रित अनुपूरक बजट

प्रदेश कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2018-19 के पहले अनुपूरक बजट पर मुहर लगाई है. करीब 40 हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को जीवंत बनाए रखने से जुड़ी कई परियोजनाएं शामिल हैं. इनमें लखनऊ में नया चिकित्सा विश्वविद्यालय, बलरामपुर में केजीएमयू का सेटेलाइट सेंटर, कानपुर के डीएवी डिग्री कॉलेज को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में डवलप करने के साथ आगरा के बटेश्वर में स्मारक की स्थापना शामिल हैं. ये चारों ही स्थान अटलजी से जुड़े हैं.

 

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बी ग्रेड एथनाल बनाने की अनुमति

गन्ना के अधिक उत्पादन को देखते हुए एथनाल बनाने के लिए अतिरिक्त ग्रेड की सुविधा दी गई है. अब बी ग्रेड और सी ग्रेड का एथनाल बनाया जाएगा. इससे चीनी उत्पादन में कोई कमी नहीं आएगी. इसके उपयोग में 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है. भविष्य में इसको और बढ़ाया जाएगा. ऑनलाइन परमीशन की व्यवस्था कर दी गई है ताकि इसके उपयोग में कोई रुकावट न आने पाए.

 

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