UP में 4 और रोहिंग्या गिरफ्तार, भारत में कराते थे अवैध घुसपैठ, हवाला के जरिए होता था पैसे का लेनदेन

यूपी एटीएस (UP ATS) ने मेरठ से 4 रोहिंग्या (Rohingya) को गिरफ्तार किया है. यह सभी अवैध तरीके से यहां रह रहे थे. इनकी उम्र 20 से 35 साल के बीच है. बीते 24 घंटे के अंदर रोहिंग्या के खिलाफ यह दूसरा ऑपरेशन है. गिरफ्तार किए गए चारों रोहिंग्या को 8 जून को पकड़े गए मास्टर माइंड नूर आलम उर्फ रफीक के इनपुट पर पकड़ा है. पकड़े गए रोहिंग्या के पास से फर्जी दस्तावेज मिले हैं. यूपी एटीएस का 1 महीने में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या के खिलाफ यह तीसरा एक्शन है.


अवैध दस्तावेज बनवाता है यह गिरोह

ADG कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि रोहिंग्यो को भारत भेजने वाले गिरोह के 4 सदस्य को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है. देश मे इस वर्ष सर्वाधिक 15 रोहिंग्या की UP से  गिरफ्तारी हुई है. ये गिरोह म्यामांर-बांग्लादेश के रोहिंग्या को भारत भेजता है. मानव तस्करी के साथ ये गिरोह अवैध दस्तावेज बनवाता था.


3 महिलाओ को भेज चुके हैं मलेशिया 

ADG कानून-व्यवस्था ने आगे बताया कि मेरठ में हाफिज शफीक रोहिंग्याओ का गिरोह चला रहा था. महिलाओं की हवाई मार्ग से मलेशिया जैसे देशों में तस्करी की जाती थी. यह गिरोह गलत दस्तावेजों के जरिये नौकरियां दिलाकर कमीशन लेते थे. साथ ही हवाला के जरिये काला धन का  आदान-प्रदान करते थे.गिरफ्तार रोहिंग्या के पास से सोने जैसी धातुए भी बरामद हुई है. फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद करने वालो की भी तलाश हो रही है. 


नूर आलम सबसे बड़ा दलाल

8 जून को गाजियाबाद से पकड़ा गया नूर आलम बंग्लादेश के रास्ते रोहिंग्या नागरिकों को देश में लाने का सबसे बड़ा दलाल है. आमिर हुसैन देश में अवैध तरीके से एंट्री करके करीब दो साल से दिल्ली के खजुरी खास थानाक्षेत्र की श्रीराम कॉलोनी में ठिकाना बनाकर रह रहा था.


चुनाव में वोटिंग भी कर सकते हैं रोहिंग्या

प्रशांत कुमार के मुताबिक रोहिंग्या इस समय हर विधानसभा क्षेत्र में रह रहे हैं. इनकी पहचान कर पाना इस वजह से मुश्किल होता है क्योंकि इनके पास आधार कार्ड और वोटर कार्ड मौजूद रहते हैं. वह आम जनता में घुल-मिल जाते हैं और चुनाव में वोटिंग भी कर सकते हैं. इसके लिए इनको अच्छी खासी रकम भी दी जाती है.


विधानसभा चुनाव से पहले बसाने की तैयारी 

एटीएस ने पकड़े गए रोहिंग्याओं से रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो पता चला कि यह और इनके जैसे तमाम देशभर में फैले रोहिंग्या और बंग्लादेशी नागरिकों को यूपी में ठिकाना बनाने के लिए कहा गया है. विधानसभा चुनाव से पहले बसने वाली जगह का राशन कार्ड, पैन कार्ड बनवाकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना इनका लक्ष्य है. इसलिए नूर आलम एक-एक करके दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की तरफ बसे इन घुसपैठियों को यूपी में रहने वाले इनके रिश्तेदारों और करीबियों तक पहुंचा रहा है. इसके एवज में उसे अच्छी खासी रकम भी मिल रही है.


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