उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी (DGP Hitesh Chandra Awasthi) ने सेवा विस्तार की पेशकश को ठुकरा दिया है। वह इसी महीने 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। नए डीजीपी के चयन की प्रक्रिा का पालन करते हुए योगी सरकार ने उपयुक्त आईपीएस अफसरों का एक पैनल यूपीएससी को भेजा था। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए यूपीएससी ने अफसरों का वो पैनल यूपी सरकार को वापस भेज दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, किसी भी अफसर को 2 साल के लिए डीजीपी के पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए। हितेश चंद्र अवस्थी के लिए डीजीपी के पद पर 2 साल जनवरी 2022 में पूरे हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें जनवरी 2022 तक पद पर रहना चाहिए। डीजीपी चुनने की प्रक्रिया के अनुसार, डीजीपी के रिटायरमेंट से तीन महीने पहले राज्य को अगले डीजीपी के लिए यूपीएससी को पैनल भेजना चाहिए।
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इसी तर्क के साथ ही यूपीएससी ने यूपी सरकार को जनवरी से तीन महीने पहले पैनल भेजने को कहा। यूपीएससी के इस जवाब के बाद राज्य सरकार ने डीजीपी एचसी अवस्थी को जनवरी तक सेवा विस्तार की पेशकश की। लेकिन कहा जा रहा है कि हितेश चंद्र अवस्थी ने सरकार की इस पेशकश को न मानते हुए सेवा विस्तार लेने से मना कर दिया है।
बताया जा रहा है कि एचसी अवस्थी ने सरकार को लिख कर दिया है कि वो 30 जून को ही रिटायरमेंट लेना चाहते हैं। एचसी अवस्थी के इस फैसले के बाद यूपी के डीजीपी को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। बता दें कि सीनियरटी के हिसाब से डीजीपी पद के दावेदारों की लिस्ट में सबसे पहला नाम 1986 बैच के आईपीएस अफसर नासिर कमाल का है। नासिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और वर्तमान में डीजी एलएनजेएन, एनआईसीएफएस के पद पर तैनात हैं। इनका रिटायरमेंट जुलाई 2022 में है।
वहीं, दावेदारों की लिस्ट में दूसरे नंबर हैं 1987 बैच के आईपीएस अफसर मुकुल गोयल हैं। मुकुल गोयल भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और वर्तमान में एडीजी बीएसएफ के पद पर तैनात हैं। सपा सरकार में एडीजी एलओ के पद पर रहे मुकुल का नाम दावेदारों में सबसे ऊपर चल रहा है। इनका रिटायरमेंट फरवरी 2024 में होना है।
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