खुलासा: अपने लुटेरे कर्मियों को बचाने के लिए STF ने CBCID को ट्रांसफर करा दी विवेचना, 34 लाख की लूट में डिप्टी एसपी समेत 3 पुलिसकर्मी दोषी

राजधानी लखनऊ में करीबी तीन महीने पहले हवाला की रकम लाने के आरोप में अमौसी हवाई अड्डे के पास तीन युवकों को बंधक बनाकर लूटने के मामले में फंसे एसटीएफ के डिप्टी एसपी समेत तीन पुलिसकर्मियों की विवेचना सीबीसीआईडी को ट्रांसफर कर दी गई है। बताया जा रहा है कि खाकी को दागदार करने के इस गंभीर मामले में एसटीएफ और लखनऊ पुलिस में ठनी हुई थी।


एसटीएफ के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत

डीजीपी मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि लखनऊ पुलिस ने एसटीएफ के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल कर लिया था और गिरफ्तारी की तैयारी कर रही थी। वहीं, सीओ कृष्णानगर लाल प्रताप सिंह ने मामले की विवेचना सीबीसीआईडी को सौंपने की पुष्टि की है। लखनऊ पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, उनके पास लूट के आरोपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी विजय प्रताप यादव, निरीक्षक जैनुद्दीन अंसारी, आरक्षी राकेश सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।


Also Read: गाजियाबाद: प्रेम विवाह करने पर युवती के परिजनों ने दंपति को पीटा, बीच बचाव में आए सिपाही पर भी किया हमला


वहीं, पुलिस द्वारा गैर जमानती वारंट हासिल करने के बाद एसटीएफ मुख्यालय में हड़कंप मच गया था। आरोपियो को गिरफ्तारी से बचाने के लिए एसटीएफ ने शक्ति प्रदर्शन दिखाते हुए शासन स्तर पर बातचीत कर विवेचना सीबीसीआईडी को ट्रांसफर करा दी। लखनऊ पुलिस के सूत्रों का कहना है कि यह पूरे मामले को रफा-दफा करने की साजिश है।


एसएसपी कलानिधि की जांच में सामने आई हकीकत

दरअसल, एसटीएफ की कानपुर इकाई ने दिल्ली के अजमेरी गेट के लालकुआं मुहल्ला निवासी कारोबारी मोहम्मद लुकमान, कानपुर के दलेलपुरवा के सलाउद्दीन और प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी शाहनवाज को तीन मार्च 2019 की दोपहर अमौसी एयरपोर्ट जाते वक्त सरोजनीनगर इलाके से ही अगवा कर लिया था। खबर मिली थी कि तीनों के पास 34 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा है। तीनों को आतंकी बताते हुए करीब चार घंटे तक एसयूवी में घुमाया गया और फिर पूरी रकम लेकर छोड़ दिया गया।


Also Read: मुजफ्फरनगर: गोकशी की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम पर फायरिंग, आस मोहम्मद सहित 3 गिरफ्तार, तीन क्विंटल गोमांस बरामद


एसटीएफ का यह कारनामा सोशल मीडिया पर वायरल होने पर एसटीएफ ने अगले ही दिन कानपुर के अनवरगंज थाने में रकम की बरामदगी दिखा दी। पांच मार्च को मोहम्मद लुकमान ने एसएसपी और अन्य अधिकारियों से शिकायत की। लखनऊ रेंज के आईजी एसके भगत के निर्देश पर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने जांच की तो पूरा सच सामने आ गया।


एसटीएफ के डिप्टी एसपी समेत तीनों आरोपियों के अलावा बंथरा थाना के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार सिंह को निलंबित कर बंथरा थाना में भ्रष्टाचार अधिनियम समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया गया। मामले की साजिश बंथरा थाने में ही रची गई।


मैसेज वायरल होने पर अनवरगंज थाना क्षेत्र में दिखाई बरामदगी

सूत्रों ने बताया कि कारोबारी को लूटने के चक्कर में एसटीएफ के पुलिसकर्मियों ने एक के बाद गलतियां कीं। सरेाजनीनगर में जिस जगह की घटना बताई जा रही थी, वहां के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में एसटीएफ के आरोपी पुलिसकर्मी एक एसयूवी में तीनों को लेकर जाते हुए नजर आ रहे हैं। तीनों की कॉल डिटेल और लोकेशन भी वहीं की मिली। यह स्पष्ट है कि एसटीएफ की टीम ने तीनों को तीन मार्च की दोपहर करीब 12 बजे कानपुर से एयरपोर्ट आते वक्त सरोजनीनगर इलाके से उठाया।


Also Read: बरेली: मंदिर परिसर में मीट खा रहे मुस्लिम युवकों की जमकर पिटाई, Video वायरल


इसके बाद शाम करीब चार बजे तीनों को बंथरा थाना ले जाया गया, जबकि सरोजनीनगर थाना लाना चाहिए था। सोशल मीडिया पर लूटपाट और वसूली का मैसेज वायरल होने पर 34 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा को कानपुर के अनवरगंज थाना क्षेत्र में बरामद दिखाया जबकि रकम सरोजनीनगर थाना में जमा होना चाहिए था। यही नहीं, पीड़ित सलाउद्दीन को फरार तक दिखा दिया गया।


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )