दुनियाभर में हो रहे आतंकी हमलों से सीख लेते हुई भारतीय सुरक्षा बलों के युद्ध कौशल और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए उन्हें एक स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके तहत उनके शूटिंग कौशल और भी बेहतर बनाने पर काम हो रहा है। इस अभ्यास से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि वह ‘वन शॉट वन हेड’ पर फोकस कर रहे हैं। यानि ‘एक बुलेट एक आतंकवादी’।
जानकारी के मुताबिक न केवल कमांडो बल्कि दिल्ली हवाई अड्डे पर तैनात हर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मियों को एक शार्पशूटर बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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1 जनवरी से अब तक करीब 4,466 सुरक्षा बल कर्मियों ने ये ट्रेनिंग ली है। इनमें से 906 स्पेशल विंग जैसे क्विक रिएक्शन टीम और एंटी-टेरर स्क्वायड के कर्मी हैं। प्रशिक्षण से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी कमांडो हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए सामने आने वाली हर चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करने के लिए अभ्यास कर रहे हैं। अभ्यास में बलों को कई तरह से शूटिंग करना सिखाया जा रहा है।
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अधिकारी ने बताया कि ‘वन बुलेट बन हेड’ पर फोकस किया जा रहा है। इसकी के तरत जवानों के गोली चलाने के कौशल को बेहतर बनाने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि किसी भी आपात स्थिति में वह लोगों की रक्षा कर सकें। मार्च 2016 में ब्रिजेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक आत्मघाती आतंकी हमला हुआ था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमलावर को एक ही गोली में नहीं मारा गया था।
सीआईएसएफ के असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल हेमेंद्र सिंह ने कहा दिसंबर 2017 में शुरू की गई 40 फीट की इनडोर शूटिंग रेंज में एक समय में दो निशानेबाजों को ही अनुमति दी जाती है। जिसके बाद उनके डाटा को रिकॉर्ड किया जाता है और उसका विश्लेषण किया जाता है। सिंह ने बताया कि तीन टर्मिनल वाले एयरपोर्ट पर 5,500 से ज्यादा सीआईएसएफ के जवान तैनात हैं। इन कर्मियों के लिए नियमित शूटिंग अभ्यास को एक महीने के पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य रूप से संशोधित किया गया है। इससे पहले, नियमित अभ्यास साल में केवल एक बार हुआ करता था।
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