कल यूपी विधानसभा में सभी नवनिर्मित विधायकों ने अपने पद की शपथ ली थी। जिसके बाद विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए लगातार आठवीं बार विधायक रहे सतीश महाना ने आवेदन किया था। उन्हें सभी का समर्थन मिल रहा है। जिस वजह से आज विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की औपचारिक रूप से घोषणा कर दी जाएगी। इसके पहले आज विधानसभा में एक ऐसी रस्म निभाई जायेगी जो है तो काफी अजीब पर ब्रिटिश काल से ही इस रस्म को निभाया जा रहा है। दरअसल, सतीश महाना के विधानसभा अध्यक्ष के आसन पर बैठने से पहले सदन में एक पुरानी रस्म भी निभाई जाएगी। इसमें अध्यक्ष को ढूंढ कर अध्यक्ष आसन तक लाया जाएगा।
रस्म में होता है कुछ ऐसा…?
जानकारी के मुताबिक, विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कहा जा रहा था कि इस बार महाना को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि, उनके विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की कोई चर्चा नहीं रही। बताया जा रहा है कि साफसुथरी छवि और सबको साथ लेकर चलने की योग्यता को देखते हुए उन्हें सदन का नेतृत्व सौंपा गया है। इसकी औपचारिक घोषणा करने से पहले विधानसभा में एक रस्म निभाई जायेगी। जिसके अंतर्गत आज सदन में सतीश महाना सदन में ऐसी जगह बैठेंगे जहां से वह आसानी से नजर न आएं।
पहले नेता सदन योगी आदित्यनाथ व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सतीश महाना को सदन में ढूंढेंगे। दोनों लोग उन्हें ढूंढते हुए महाना तक जाएंगे और वहां से उन्हें अध्यक्ष आसन की ओर चलने का अनुरोध करेंगे। सतीश महाना के एक ओर योगी आदित्यनाथ तो दूसरी ओर अखिलेश यादव होंगे और उन्हें अध्यक्ष आसन तक लाएंगे और उन्हें वहीं बिठाएंगे। इस तरह अध्यक्ष आसन पर वह पदासीन हो जाएंगे। अध्यक्ष चुने जाने के बाद सतीश महाना समूचे सदन के हो जाएंगे। उनके लिए सत्ता पक्ष व विपक्ष बराबर होगा। अध्यक्ष समान रूप से सदन के सभी सदस्यों के अधिकारों का संरक्षण करता है। असल में यह ब्रिटिश परंपरा है, जिसे यहां भी निभाया जाता है।
अब तक इतने नेता रहे विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा के पहले अध्यक्ष पुरुषोत्तम दास टंडन रहे। उसके बाद नफीसुल हसन,आत्मा राम गोविंद खेर, मदन मोहन वर्मा, जगदीश सरण अग्रवाल, वासुदेव सिंह, बनारसी दास, श्रीपति मिश्र, धर्म सिंह, नियाज हसन, हरिकिशन श्रीवास्तव, केशरी नाथ त्रिपाठी, धनीराम वर्मा, बरखू राम वर्मा, सुखदेव राजभर, माता प्रसाद पांडेय, हृदय नारायण दीक्षित और अब सतीश महाना। इसमें केशरी नाथ त्रिपाठी सबसे ज्यादा समय तक करीब 13 साल इस पद पर रहे।
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