लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हाईटेक रेलवे टिकट कालाबाजारी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसने रेलवे और साइबर सुरक्षा एजेंसियों को चौंका कर रख दिया है। यह गिरोह न केवल फर्जी पहचान के जरिए रेलवे के तत्काल टिकट बुक कर रहा था, बल्कि इन टिकटों की डिलीवरी देश के विभिन्न शहरों में हवाई जहाज से भेजकर करता था, ताकि समय पर ग्राहकों को टिकट मिल सके और कानून की पकड़ से दूर रहा जा सके।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और साइबर अपराध शाखा की संयुक्त कार्रवाई में यह गिरोह पकड़ा गया है। पुलिस ने बताया कि यह रैकेट कई महीनों से सक्रिय था और देशभर में फैला हुआ था। कार्रवाई के दौरान गिरोह के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से सैकड़ों फर्जी आईडी, दर्जनों मोबाइल फोन, कई लैपटॉप और भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है।
सेकेंडों में करते थे दर्शनों टिकट
गिरोह के सदस्य IRCTC की वेबसाइट और ऐप पर फर्जी पहचान पत्र के जरिए कई फर्जी अकाउंट बनाते थे। तत्काल टिकट बुकिंग की विंडो खुलते ही ये लोग ऑटोमेटिक स्क्रिप्ट और बॉट्स की मदद से चंद सेकंड में दर्जनों टिकट बुक कर लेते थे। इस प्रक्रिया में आम आदमी को टिकट मिलना लगभग असंभव हो जाता था।
1000 से 5000 रुपये तक की वसूली
बुक किए गए टिकटों को ये गिरोह अपने एजेंट्स के जरिए ग्राहकों तक पहुँचाते थे। दिलचस्प बात यह है कि ये एजेंट्स टिकट लेकर हवाई जहाज से देश के अलग-अलग हिस्सों में जाते थे, ताकि टिकट की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके। इस पूरी प्रक्रिया में ग्राहक से एक टिकट के बदले 1000 से लेकर 5000 रुपये तक वसूले जाते थे।
Also Read- Vande Bharat Train: उद्घाटन के कुछ देर बाद ही वंदे भारत एक्सप्रेस में लड़की से बदसलूकी, भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगा आरोप
जम कर करते थे कमाई
गिरोह का फोकस उन ट्रेनों पर था जिनमें टिकट मिलना मुश्किल होता है, जैसे राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी, गरीब रथ, और त्योहारों या छुट्टियों में चलने वाली विशेष ट्रेनों पर। यही कारण है कि स्कूल की छुट्टियों, त्योहारों और परीक्षाओं के समय ये लोग जमकर मुनाफा कमाते थे।
विशेष सॉफ्टवेयर से करते थे टिकट
गिरफ्तार आरोपियों में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके पास IT और कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री है। पुलिस के मुताबिक, गिरोह के पास एक विशेष सॉफ्टवेयर था जो IRCTC की वेबसाइट को बायपास करके टिकट बुक करता था। यह सॉफ्टवेयर हर अपडेट के साथ अपग्रेड होता था, ताकि पकड़े जाने की संभावना कम हो ।RPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह गिरोह हाईटेक तरीके से काम कर रहा था। हमें जानकारी मिली कि कुछ संदिग्ध लोग हवाई यात्रा करके हर दिन अलग-अलग शहरों में सिर्फ टिकट की डिलीवरी के लिए जा रहे हैं। जब इनकी निगरानी की गई तो पूरा मामला उजागर हुआ।”
AI मॉनिटरिंग सिस्टम लाने की तैयारी शुरू
रेलवे ने अब तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली को और सुरक्षित बनाने की बात कही है। IRCTC ने भी फर्जी आईडी को ट्रैक करने के लिए AI आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
Input-Ram Krishna Shukla