गोरखपुर: पुलिस कस्टडी में युवक की हुई थी मौत, अब कोर्ट ने SSP को किया तलब, तत्कालीन थानेदार सस्पेंड

कुछ समय पहले गोरखपुर जिले में पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत हुई थी। इस मामले में अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले के विवेचना अधिकारी और एसएसपी को पांच दिसंबर यानि सोमवार को तलब किया था। साथ ही व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने विवेचना अधिकारी की लापरवाही देखते हुए उन्हें सस्पेंड करने का आदेश भी जारी कर दिया।

ये था मामला

जानकारी के मुताबिक, पीड़ित ने गोरखपुर जिले के पिपराइच थाने में एक एफआईआर धारा 457, 380 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज कराई। विवेचना के दौरान 6 अगस्त 22 को पुलिस ने प्रमोद को गिरफ्तार किया। 7 अगस्त को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। जहां पर 20 अगस्त की रिमांड ली। उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल न भेजकर पुलिस अभिरक्षा में रखा गया।

जिसके बाद 8 अगस्त 22 को उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर 10 चोटें पाई गईं। इन्हीं चोटों के कारण मौत बताई गई है। पुलिस अभिरक्षा में मौत के बाद मृतक के भाई ने याची तथा गांव वालों के खिलाफ पिटाई करने से मौत का आरोप लगाया है।

कोर्ट ने जताया विरोधावास

इसी मामले में अब जाकर कोर्ट ने ये कहा है कि नौ अगस्त 2022 को मृतक के भाई की ओर से दर्ज एफआईआर में याची और गांव वालों पर चोरी के आरोप में उसके भाई को छह अगस्त को पीटने का आरोप लगाया गया है। इससे उसकी मौत होने की बात की गई है। दूसरी तरफ याची का कहना है कि 7 अगस्त 2022 को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के समय मृतक के शरीर पर चोट नहीं थी। तब 6 अगस्त 2022 को गांव वालों के पीटने से उसे कैसे चोटें आईं। यह विरोधाभास कैसे है।

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने गोरखपुर एसएसपी को तलब किया गया। जिसके बाद थाने के तत्कालीन थानेदार शंभू नाथ सिंह को सस्पेंड किया गया है। वर्तमान में शंभूनाथ सिंह पुलिस लाइंस में तैनात थे। यह आदेश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता ने विक्रम सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया था।

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