बिहार (Bihar) की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। मंगलवार को नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड स्थित पांडेय गंगौट गांव में शहीद मनीष कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RJD Tejaswi Yadav)और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswaan) की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी। वर्षों बाद हुई इस भेंट में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाकर अभिवादन किया और हालचाल जाना। वही इस मुलाकात को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संभावित समीकरणों के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
मुलाकात के बाद पोस्टर वार ने बदला माहौल
हालांकि, महज कुछ ही घंटों बाद आरजेडी द्वारा पटना की सड़कों पर लगाए गए एक पोस्टर ने इस सौहार्द्रपूर्ण मुलाकात की सकारात्मक छवि को पूरी तरह बदल कर रख दिया। पोस्टर में तेजस्वी यादव को “शुद्ध देसी बिहारी” के रूप में प्रचारित किया गया, जबकि चिराग पासवान को “बाहरी” करार दिया गया। पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “थका हुआ मुख्यमंत्री” और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को “भाजपा का मोहरा” बताया गया। यह पोस्टर आरजेडी महिला नेत्री संजु कोहली पासवान की ओर से लगाया गया, जिसने बिहार की सियासी हवा को और भी तपिश दे दी।
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नए गठजोड़ का संकेत?
तेजस्वी यादव और चिराग पासवान की यह मुलाकात उस वक्त हुई, जब तेजस्वी श्रद्धांजलि देकर लौट रहे थे और चिराग मौके पर पहुंचे। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रवक्ता धीरेंद्र कुमार मुन्ना ने इस भेंट को भावनात्मक बताते हुए कहा, ‘तेजस्वी और चिराग के बीच बड़े-छोटे भाई जैसा रिश्ता है। राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन व्यक्तिगत संबंध मजबूत हैं।’ इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक विश्लेषक संभावित नए समीकरणों और गठबंधनों की अटकलें लगाने लगे हैं। वही हाल ही में चिराग पासवान ने भी अपने एक बयान में कहा था की, मैं बिहार आना चाहता हूं और जरूर आऊंगा।
चिराग पर निशाना या आरजेडी की रणनीतिक चूक?
पोस्टर के ज़रिए चिराग पासवान पर किया गया हमला सियासी विवाद का कारण बन गया है। एलजेपी (रामविलास) के नेताओं ने इसे आरजेडी की “बौखलाहट” बताते हुए कहा कि चिराग पासवान बिहार के बेटे हैं और एनडीए के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। चिराग पासवान ने पोस्टर विवाद पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है, लेकिन उनकी पार्टी का कहना है कि आरजेडी का यह कदम उनकी घटती लोकप्रियता और अस्थिर रणनीति को दर्शाता है।
2025 चुनाव की पृष्ठभूमि में बढ़ती सियासी हलचल
नीतीश कुमार से चिराग पासवान की हालिया मुलाकात और प्रदेश में उनकी बढ़ती सक्रियता को एनडीए के भीतर उनकी स्थिति मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में आरजेडी द्वारा किया गया यह हमला 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण की ओर इशारा करता है। तेजस्वी यादव की रैली और जनसभाओं में “बदलाव” का नारा, और पोस्टर के माध्यम से विरोधियों पर तीखा हमला, यह दर्शाता है कि आरजेडी अब खुद को राज्य में नेतृत्वकारी भूमिका में देखना चाहती है।