जानिये कौन है महंत स्‍वामी आनंद गिरि, जिनके ऊपर ऑस्‍ट्रेलिया में महिलाओं से मारपीट का है आरोप

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के निरंजनी अखाड़े के महंत और खुद को ‘घुमंतू योगी’ बताने वाले स्वामी आनंद गिरि को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में महिलाओं से उनके बेडरूम में मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इन महिलाओं ने उन्हें सिडनी में अपने घर पूजा कराने के लिए आमंत्रित किया था. इस दौरान आनंद गिरि को 26 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.


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मूल रूप से उत्‍तराखंड के रहने वाले 38 वर्षीय स्वामी आनंद गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं. वह देश-विदेश में योग सिखाने का काम करते हैं. आनंद गिरि के मुताबिक उन्‍हें 12 साल की अवस्‍था में ईश्‍वर का संदेश मिला और वह आध्‍यात्मिक मार्ग पर चल निकले. बताया जाता है कि आनंद गिरी हरिद्वार के एक आश्रम में महंत नरेंद्र गिरि से मिले थे. नरेंद्र गिरि को लगा कि आनंद उनका अच्‍छा शिष्‍य बन सकता है, इसलिए उन्‍हें वह अपने साथ प्रयागराज ले आए. आनंद गिरि साल 2007 में निरंजनी अखाड़े से जुड़े और अब इसी अखाड़े में महंत हैं.



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इसके अलावा आनंद गिरि विश्‍व प्रसिद्ध लेटे हनुमान मंदिर के उप महंत हैं. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों महंत नरेंद्र गिरि और आनंद गिरी बीच खटपट हुई है. आनंद गिरि पर देश में अभी तक कोई संगीन आरोप नहीं लगा है. आनंद गिरी ने एक गंगा सेना बनाई है जो गंगा की सफाई का काम करती है.


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संत आनंद गिरि पर दो अलग-अलग मौकों पर दो महिलाओं के साथ मारपीट का आरोप लगाया गया है. साल 2016 में नव वर्ष के दिन रूटी हिल स्थित एक घर में पूजा में हिस्सा लेने के दौरान शयनकक्ष में स्वामी पर महिला पर कथित रूप से हमला करने का आरोप लगा है.


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वहीं, दूसरे मामले में साल 2018 में स्वामी आनंद गिरि पर 34 साल की महिला से अभद्रता करने और उस पर हमला करने का आरोप लगा है. महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि मामला मारपीट का नहीं है, बल्कि साधु-संतों के पीठ थपथपा कर आशीर्वाद देने का है. उधर, पुलिस का कहना है कि दोनों ही मामलों में महिलाएं पहले से ही आनंद गिरि को जानती हैं.


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जानकारों का कहना है कि ऑस्‍ट्रेलिया के कानून के अनुसार यदि कोई व्यक्ति गैरकानूनी और अमर्यादित आचरण का दोषी पाया जाता है तो उसे 5 से लेकर 7 साल तक की सजा हो सकती है.



हालांकि, इस मामले में सामान्य तौर पर ऑस्‍ट्रेलिया में 2 वर्ष की सजा और 24 हजार रुपये ऑस्‍ट्रेलियाई डॉलर की सजा का प्रावधान है. उधर, महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि आनंद को पीठ थपथपाकर आशीर्वाद की परंपरा को अमर्यादित आचरण करार देते हुए उन्हें आरोपी बनाया गया और गिरफ्तार किया गया है. उच्च अदालत में जमानत की अर्जी डाली गई है.


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