देवबंद: आतंकियों के समर्थन में उतरे कांग्रेस के पूर्व मंत्री, बोले- बदल चुका है तालिबान, मान्यता दे भारत सरकार

अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जे को जायज ठहराने और उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ने का सिलसिला जारी है। अब तालिबान की तारीफ करने में सामने आए हैं उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री रहे मौलाना मसूद मदनी (Maulana Masood Madni)। सहारनपुर जिले में मीडिया से बातचीत के दौरान मसूद मदनी ने कहा कि तालिबान बदल चुका है। ऐसे में भारत सरकार को उससे बात करनी चाहिए और अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता देनी चाहिए।


मौलाना मसूद मदनी ने कहा कि हमें तालिबान से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि तालिबान ने भारत को कोई धमकी नहीं दी। तालिबान तो कह रहा है कि वह महिलाओं को काम करने देगा और हिजाब पहनने के लिए मजबूर भी नहीं करेगा। मदनी ने कहा कि तालिबान कब्जे के बाद काबुल से जहाज और एयरपोर्ट की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह सिक्योरिटी का मामला है। हमें यह समझना होगा क्योंकि कुछ लोग जो उनके विरोधी है, वह इसका हौव्वा बना रहे हैं। जबकि ऐसी बात नहीं है।


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उन्होंने कहा कि अमेरिकी कमिटमेंट के तहत काबुल एयरपोर्ट की सिक्योरिटी तालिबान नहीं करेंगे। यह जिम्मेदारी अमेरिका के पास ही रहेगी जब तक कि वह अपने सभी लोगों को नहीं निकाल लेता। अफगानिस्तान में कहीं पर भी भगदड़ नहीं है, सिर्फ एयरपोर्ट के अलावा। एयरपोर्ट की जिम्मेदारी अमेरिका के पास है, इसलिए एयरपोर्ट पर जो भी भगदड़ हो रही है और जिस जहाज में लोग लटक कर मरे हैं वह अमेरिका का जहाज था। एयरपोर्ट पर जो गोली चली वह भी अमेरिका ने चलाई, उनकी ही गोली से लोग मरे।


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पूर्व मंत्री ने कहा कि पिछली बार जब मुल्ला उमर की तालिबान सरकार बनी थी तो उन्होंने शरीयत कानून लागू किया था, उस समय सख्ती ज्यादा की थी। इस बार तालिबान ने खुद में काफी बदलाव किया है। उन्होंने आम माफी का ऐलान कर दिया है। जिन अफ़गानों ने अमेरिका के साथ मिलकर हजारों लोगों को मारा, उन सब को माफ कर दिया है। साथ ही यह भी कहा कि औरतें जहां भी काम कर रही हैं, वे हिजाब पर्दे के साथ काम करती रहें, कोई दिक्कत नहीं है। मीडिया सेल में जो औरतें हैं मीडिया में काम करती रहैं और जो वहां से चली गई थीं, उनको भी वापस बुलाया।


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मौलाना मसूद मदनी ने कहा कि आज मीडिया में भी खुशी है और जो लोग वहां से भागने को तैयार थे, वह अमेरिका के लोग थे। जो अमेरिका की रोटियों पर पलते थे, डॉलर्स पर चलते थे, वो डरे हुए हैं। लेकिन उनको भी माफ कर दिया गया है। अब ऐसे में घबराहट हमें भी नहीं होनी चाहिए। भारत सरकार उनसे बात करके तालिबान सरकार को मान्यता देनी चाहिए।


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