उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद में वसूली के आरोप में खोराबार के रामनगर-कड़जहां के पूर्व चौकी प्रभारी और तीन सिपाहियों पर गाज गिरी है। एसएसपी ने इन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि युवक को छोड़ने के नाम पर इन लोगों ने 10 हजार रुपए लिए थे, जबकि बाइक व मोबाइल देने के एवज में 10 हजार रुपए की और मांग की जा रही थी। इस बातचीत को युवक के भाई ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर एसएसपी से शिकायत की थी। वहीं, चर्चा है कि इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने की कवायद चल रही है।
2 फरवरी का है पूरा मामला
दरअसल, खोराबार के जंगल बेलवार निवासी जामवंत कुमार 2 फरवरी को अपने एक दोस्त के घर गया था। वहां पर रात में उसे गांव के लोगों ने चोर समझ लिया और पुलिस को सूचना दी। इस सूचना पर रामनगर कड़जहां पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही विक्रांत आरोपी जामवंत कुमार को चौकी लाया और फिर सुबह गांववालों ने आकर कार्रवाई न करने की सिफारिश करते हुए गलत सूचना देने की बात कही। इस पर पुलिस ने उसे छोड़ने के बदले 10 हजार रुपए की मांग की।
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आरोप है कि रुपए लेने के बाद जामवंत कुमार को छोड़ दिया गया, लेकिन पुलिस ने बाइक और मोबाइल नहीं लौटाया। जामवंत के भाई भीम ने पुलिस से मोबाइल और बाइक के लिए संपर्क किया तो सिपाही विक्रात के अलावा सिपाही अभिषेक शुक्ला, अरविंद पांडेय और तत्कालीन चौकी प्रभारी शंभू साहनी ने 10 हजार रुपए की डिमांड कर दी। जामवंत के छोटे भाई भीम ने पूरी बातचीत को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया था और एसएसपी से इसकी शिकायत की थी।
वहीं, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने मामले की जांच प्रशिक्षण एएसपी आलोक भाटी को सौंपी। जांच में आरोप सही मिलने पर एसएसपी ने सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इस मामले में एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई के मुताबिक, आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी की जा रही है।
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