बागपत: यूपी के बागपत जिले में एक युवक की हत्या के मामले दबंग मुस्लिमों से परेशान मुस्लिम परिवार ने धर्म परिवर्तन करने की इजाजत मांगी थी इसके बाद अब उनमें से 13 लोगों ने मंगलवार को हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार यज्ञ पूजन के बाद अपना नामकरण किया. सिंघावली अहीर क्षेत्र के बदरखा गांव में शिव मंदिर में ये नामकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान युवा हिन्दू वाहिनी के लोग भी मौजूद रहे.
बता दें मुस्लिम परिवार के 20 लोगों ने सोमवार को एसडीएम बड़ौत को एफिडेविट देकर स्वेच्छा से इस्लाम धर्म को छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने की मांग की थी. इसके बाद से ही हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मंगलवार को पीड़ितों के गांव में हवन यज्ञ कर रीति-रिवाज के साथ नामकरण आयोजन में सक्रिय हो गए थे.
जानें पूरा मामला
दरअसल मामला छपरौली थाना क्षेत्र के बदरखा गांव का है जहां गांव के ही रहने वाले अख्तर अली अपने परिवार के साथ अपनी एक रिश्तेदारी कोतवाली बागपत क्षेत्र निवाड़ा गांव में रहता था और उनका बेटा कपड़े का व्यापार करता था और जुलाई माह में उनके बेटे गुलहशन अली का शव उनकी ही दुकान में खूंटी पर लटका हुआ मिला था. परिजनों का आरोप था कि मुस्लिम समाज के ही कुछ दबंगो ने उसकी हत्या करने के बाद शव को खूंटी पर लटका दिया था.
जानें क्यों छोड़ा मुस्लिम धर्म
बदरखा गांव के अख्तर अली और उनके परिवार का कहना है कि इस्लाम धर्म मे रहकर हम अपने बेटे को न्याय नही दिला सकते क्योंकि मुस्लिम धर्म के दबंगो ने ही हमारे बेटे की हत्या की है और अभी भी पूरे परिवार का जीना मुहाल कर रखा है. आरोपी दबंग आये दिन अब दबंग परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे है जिसकी दहशत में पीड़ितों ने अपना गांव छोड़ दिया है जिसके तहत उन्होंने इस्लाम धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपना लिया है क्योंकि उन्हें हिन्दू धर्म मे ही रहकर न्याय मिल सकता है जिसके चलते परिवार के 20 लोगो ने आज बड़ौत एसडीएम को एफिडेविट देकर हिन्दू धर्म अपनाने की मांग की है.
सहिष्णु है हिन्दू धर्म
दिलशाद पुत्र अख्तर अली ने शपथ पत्र देकर बताया कि मैं स्वेच्छा से हिन्दू धर्म की विशेषता और असहिष्णुता से प्रभावित होकर इस्लाम त्यागकर हिन्दू धर्म अपना रहा हूँ. यह सहिष्णुता इस्लाम में नहीं है. दिलशाद ने कहा कि मैंने अपना परिवर्तित नाम दिलेर सिंह रख लिया है. मैंने धर्म परिवर्तन किसी दबाव में नहीं किया है. बल्कि हिन्दू धर्म की तरफ मैं आकर्षित हुआ हूँ.
वहीं इस पूरे मामले पर एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़ितों का कहना है कि मुस्लिम समाज के लोगों ने उनका साथ नहीं दिया, जिस कारण उन्होंने यह कदम उठाया है. पुलिस से उनकी कोई नाराजगी नहीं है.
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