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फतेहपुर: थानाध्यक्ष की प्रताड़ना से क्षुब्ध दारोगा ने सोशल मीडिया पर बयां किया दर्द, कहा- चौकी इंचार्ज से है जान का खतरा

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर (Fatehpur) जिले में एक दारोगा (Sub Inspector) ने थानाध्यक्ष (Police Station Officer) पर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. जिसका वीडियो वायरल (Video Viral) होने से पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है. सोशल मीडिया में वायरल हुए इस वीडियो में फतेहपुर (Fatehpur) के थाना खखरेरू के दारोगा सन्नेश बाबू गौतम (Sub Inspector Sannesh Babu Gautam) ने थाना प्रभारी (Police Station Officer) पर प्रताड़ना एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. बार-बार इसकी शिकायत करने के बावजूद कुछ न करने पर सीओ पर मिलीभगत का आरोप लगाया है. वहीं, एसपी रमेश ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए हैं. एसपी का कहना है कि दारोगा ने अनुशासनहीनता की है. दारोगा के आरोप की भी जांच कराई जाएगी. दोनों पक्षों की जांच के बाद कार्रवाई होगी.


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अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए फतेहपुर के खखरेरू थाने के दारोगा सन्नेश बाबू गौतम ने वीडियो में कहा है कि ‘मुझ पर विवेचना को प्रभावित करने, पैसा लेकर अपराधी को छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है. जब इसका विरोध करता हूं तो मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. मेरी गर्भवती पत्नी की परीक्षा के लिए जब अवकाश मांगा तो छुट्टी देने से इंकार कर दिया गया. मुझे चौकी इंचार्ज से जान-माल का खतरा है. किसी दिन ऊबकर मैं आत्महत्या भी कर सकता हूं’.


दरअसल, पुलिस थाने में बीते दो महीने से थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह यादव व दारोगा सन्नेश बाबू गौतम के बीच विवाद चल रहा था. शनिवार को दारोगा सन्नेश बाबू गौतम का वीडियो वायरल हुआ तो यह विवाद सार्वजनिक हो गया. सोशल मीडिया में यह वीडियो लोगों द्वारा देखा जाने लगा तो पुलिस महकमे की बदनामी होने लगी. वायरल वीडियो में दारोगा वर्दी में है और थाना प्रभारी पर कई संगीन आरोप लगा रहा है.


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दारोगा का कहना है कि वह करीब 6 महीने से थाने में तैनात है. सैदपुरा घूरी गांव के रावेंद्र को 2 महीने पहले पकड़ा था. उसकी शांतिभंग में लिखा-पढ़ी की थी. थाना प्रभारी के कहने पर सिपाही अवनीश यादव ने 5 हजार रुपये लेकर आरोपी को छोड़ दिया था. रावेंद्र ने एक मिठाई दुकानदार से 5 हजार रुपये कर्ज लिया था. इसकी गोपनीय रिपोर्ट तत्कालीन एसपी कैलाश सिंह को दी थी. एसपी ने सीओ खागा अंशुमान मिश्र को जांच के आदेश दिए थे. इसी खुन्नस में थाना प्रभारी उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं.


दारोगा का कहना है कि उस पर कमरा खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है. इस वजह से वह परिवार को गांव छोड़ आया. थाना कार्यालय से उसकी जांच रिपोर्ट वापस कर दी जाती हैं. क्षेत्र में ड्यूटी को हमराही नहीं दिया जाता है, जान-माल का खतरा है. सीओ को एक-एक बात की जानकारी है. इसके बाद भी कुछ नहीं किया गया. सीओ की मिलीभगत से षडयंत्र रचा जा रहा है. हाल में ट्रांसफर में रवाना की छुट्टी निरस्त कर दी गई. विवेचनाओं में दबाव बनाया जाता है. थानेदार और उनके कारखास क्षेत्र में अवैध कारोबार फैलाए हैं. गर्भवती पत्नी की परीक्षा के लिए छुट्टी नहीं दी जा रही है. ऐसे में ऊबकर आत्महत्या तक करने के विचार आ रहे हैं. मैं चाहता हूं कि बड़े अफसर जांच कर कार्रवाई करें. इस प्रकरण पर बयान के लिए सीओ का सीयूजी नंबर मिलाया. लेकिन वह दोपहर से स्विच ऑफ बताता रहा.


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वहीं, थानाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह यादव का कहना है कि दारोगा सन्नेश बाबू गौतम क्षेत्र में अवैध काम कराता है. लोगों केे जबरन थाने में बैठा लेता है. उगाही के बाद छोड़ता है. काम के प्रति सजग नहीं है. चुनाव ड्यूटी के दौरान दरोगा की लापरवाही से बस एक्सीडेंट हुआ था. जाति पूछकर पब्लिक से व्यवहार करता है. कोर्ट, आईजीआरएस समेत अधिकारियों के सवाल जवाब की सूचना नहीं भेजता है. दारोगा के क्रियाकलापों की जांच भी अधिकारी कर रहे हैं.



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