मोदी सरकार की बड़ी सफलता, 10 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंची महंगाई दर

पिछले दिनों मुद्रास्फीति घटकर 2.05 प्रतिशत आने के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि जल्द ही बढ़ती मंहगाई पर रोक लगेगी. और अब ताजा आकड़ों के अनुसार थोक मुद्रास्फीति दर (WPI) 10 महीने के सबसे न्यूनम स्तर पर पहुंच गई है, जिसके बाद दिसंबर 2018 की तुलना में जनवरी में महंगाई दर 2.76 फीसदी रही गई है. गौरतलब है की मंहगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही थी, ऐसे में यह मोदी सरकार की बड़ी सफलता मानी जा रही है.


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गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2018 में थोक प्राइस इंडेक्स (WPI) 3.8 फीसदी था. और जनवरी में जनवरी 2018 में यह 3.02 फीसदी और मार्च 2018 में यह 2.74 फीसदी था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी में रसोई के सामान जैसे आलू, प्याज, फल और दूध की कीमतों में थोड़ी कमी आई है. इसके अलावा पेट्रोल-डीजल और पावर सेक्शन की कीमतों में भी कमी आई है. दो दिन पहले सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ें भी जारी किए थे जिसमें महंगाई दर 2.05 प्रतिशत पर आ गई.


खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 2.8 प्रतिशत

दिसंबर के मुकाबले जनवरी महीने में रिटेल महंगाई दर में भी कमी आई. जनवरी महीने में महंगाई दर 2.05 फीसदी रही जो दिसंबर 2018 में 2.11 फीसदी थी. रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुदास्फीति दर को ध्यान में रखता है. महंगाई दर में कमी के कारण केंद्रीय बैंक ने पिछले सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कमी कर के उसे 6.25 प्रतिशत पर ला दिया है. आरबीआई ने मानसून सामान्य रहने जैसे अनुकूल कारकों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिये खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को कम कर 2.8 प्रतिशत कर दिया है.


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