Kanpur Violence: फंडिंग के आरोपी मुख्तार बाबा पर कसा शिकंजा, क्लीन चिट देने वाले अधिकारियों पर भी होगी बड़ी कार्रवाई

कानपुर के बेकनगंज स्थित बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट के मालिक और जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा (Kanpur Violence) में क्राउड फंडिंग के आरोपी मुख्तार बाबा (Mukhtar Baba) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। वहीं, साल 2019 और 2020 में मुख्तार बाबा के खिलाफ दर्ज मामलों में उसे क्लीन चिट देने वाले प्रशासनिक अफसरों पर भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

दरअसल, साल 2019 में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मुख्तार बाबा पर हिंसा फैलाने के लिए बाबा बिरियानी में बैठक करने और उपद्रवियों की फंडिंग करने का आरोप लगा था। इसके अलावा आरोप है कि साल 2020 में बजरिया थाने में दर्ज हुई एफआईआर से पुलिस अफसर ने मुख्तार बाबा का नाम निकलवाया था। यह एफआईआर राम जानकी मंदिर को कथित रूप से तोड़ने और डॉक्यूमेंट्स में छेड़छाड़ कर कब्जा करने के आरोप में दर्ज हुई थी।

Also Read: मेरठ: ‘SSP प्रभाकर चौधरी गरीबों के मसीहा हैं, उनका ट्रांसफर हुआ तो मैं जान दे दूंगा’, कंट्रोल रूम में युवक ने दी धमकी

साल 2019 में तत्कालीन एसीएम-3 और साल 2020 में एसीएम-7 ने जांच में मुख्तार बाबा की क्लीन चिट दी थी। अब इस पूरे मामले में उस वक्त जांच करने वाले संबंधित अधिकारियों की फाइल खोली जा रही है। पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने इस मामले में जांच के आदेश दिए है। कहा जा रहा है पुलिस विभाग समेत प्रशासनिक अधिकारियों को रडार पर रखते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की गई है।

बता दें कि मुख्तार बाबा पर शत्रु संपत्ति के नाम पर कई जमीनों पर कब्जे का भी आरोप है। मुख्तार बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वालों ने आरोप लगाया है कि कानपुर में आतंक का पर्याय बने डी-2 गैंग के सभी सदस्यों समेत सरगना से मुख्तार बाबा का सीधा संपर्क था, जिसकी वजह से मुख्तार बाबा जिस संपत्ति पर अपनी नजर डाल देता था वह संपत्ति उसकी हो जाती थी।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )