बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने एससी-एसटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान संशोधन के जरिए निष्प्रभावी करने की मांग की है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इसी सत्र में बिल लाकर अगर फैसले को निष्प्रभावी नहीं किया गया तो कुछ राज्य सरकार इसका फायदा उठाकर एससी-एसटी में बंटवारा कर देंगी।
मायावती ने एक्स पर किया पोस्ट
दरअसल, बसपा प्रमुख मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज उनसे भेंट करने गए बीजेपी के एसटी/एसटी सांसदों को यह आश्वासन देना कि एसटी/एसटी वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने तथा एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी माँगों पर ग़ौर किया जाएगा, यह उचित व ऐसा किए जाने पर इसका स्वागत है।
1. माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज उनसे भेंट करने गए बीजेपी के SC/ST सांसदों को यह आश्वासन देना कि SC/ST वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने तथा एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी माँगों पर ग़ौर किया जाएगा, यह उचित व ऐसा किए जाने पर इसका स्वागत।
— Mayawati (@Mayawati) August 9, 2024
उन्होंने कहा कि लेकिन अच्छा होता कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष बहस में केन्द्र सरकार की तरफ से एटार्नी जनरल द्वारा आरक्षण को लेकर एससी व एसटी में क्रीमी लेयर लागू करना तथा इनका उप-वर्गीकरण किये जाने के पक्ष में दलील नहीं रखी गयी होती, तो शायद यह निर्णय नहीं आता।
3.सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहाँ इस निर्णय का इस्तेमाल करके SC/ST वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं। अतः संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाया जाए।
— Mayawati (@Mayawati) August 9, 2024
मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहाँ इस निर्णय का इस्तेमाल करके एससी/एसटी वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं। अतः संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाया जाए।
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