UP: आशीष पटेल के पूर्व OSD का दावा- मंत्री को कई बार चेताया, लेकिन नहीं रोकी डीपीसी, बोले- अब मिल रही धमकियां

प्राविधिक शिक्षा विभाग में हुए घोटाले को लेकर समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने मंत्री आशीष पटेल (Minister Ashish Patel) के पूर्व ओएसडी राजबहादुर सिंह (Former OSD Rajbahadur Singh) के साथ मिलकर गंभीर आरोप लगाए।

पल्लवी पटेल का बयान

पल्लवी पटेल ने कहा, ‘राजबहादुर सिंह लंबे समय तक आशीष पटेल के ओएसडी रहे और पेशे से शिक्षक हैं। उन्होंने प्राविधिक शिक्षा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की शुरुआत से ही इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने मंत्री को बार-बार नियमों के उल्लंघन और वित्तीय अनियमितताओं के बारे में चेताया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।’

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उन्होंने बताया कि मंत्री की अनदेखी के चलते राजबहादुर ने ओएसडी पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं और चुप रहने के लिए कहा जा रहा है। हाल ही में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर रामपुर ट्रांसफर कर दिया गया।

पल्लवी पटेल की भाजपा को चेतावनी

पल्लवी ने राजबहादुर को सरदार पटेल का असली वंशज बताते हुए कहा कि वे सच्चाई और ईमानदारी के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि अगर उनके समाज के लोगों को प्रताड़ित किया गया, तो इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पूर्व ओएसडी राजबहादुर सिंह का दावा

राजबहादुर सिंह ने बताया कि जब उन्हें डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) प्रक्रिया में अनियमितताओं का पता चला, तो उन्होंने मंत्री को इसकी जानकारी दी। उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि यह प्रक्रिया रोकी जाए, क्योंकि यह AICTE के नियमों के खिलाफ है।

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उन्होंने बताया कि मैंने 22 मई 2024 को मंत्री को पत्र लिखा और इसकी कॉपी AICTE अध्यक्ष, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजी। पत्र में बताया गया कि यह डीपीसी नियमों के खिलाफ है और इसे रोका जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि वे चुनाव में व्यस्त हैं और डीपीसी को रोकने के लिए कुछ नहीं करेंगे। डीपीसी की प्रक्रिया प्रमुख सचिव एम. देवराज देख रहे हैं।

डीपीसी में अनियमितताएं

राजबहादुर ने कहा कि चुनाव के बाद 30 मई को वे लखनऊ लौटे, तब तक डीपीसी पूरी हो चुकी थी। इसके बावजूद उन्होंने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखे और मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी अपनी शिकायतें रखीं। 9 नवंबर को डीपीसी का रिजल्ट जारी हुआ। इसमें 177 लेक्चरर्स को प्रमोट कर दिया गया। यह प्रक्रिया नियमों का उल्लंघन थी, जिससे पढ़े-लिखे एमटेक और पीएचडी धारक अभ्यर्थी प्रभावित हुए।

पल्लवी पटेल की मांग

पल्लवी ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के कारण पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों को उनके आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया।

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