आज दो वक्त के खाने का मोहताज है शहीद दारोगा मनोज मिश्रा का परिवार, कुछ तो मदद करो सरकार

बरेली के फरीदपुर में अपनी ड्यूटी करते शहीद हुए दारोगा मनोज मिश्रा का परिवार आज बेहाल है। चार साल हो गए लेकिन इस परिवार को आज तक न्याय नहीं मिल पाया। अखिलेश के राज में गौतस्करों द्वारा गोली मारे जाने से दारोगा मनोज मिश्रा शहीद हो गए थे। बीजेपी ने उस समय इस मुद्दे को खूब भुनाया लेकिन आज सब इनको भूल गए हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर इस परिवार की मदद करने की अपील की जा रही है।


जानकारी के मुताबिक, इससे पहले दिसंबर में दारोगा मनोज मिश्रा हत्याकांड का मुद्दा फिर से उठा। दारोगा के परिजनों ने अन्य संगठनों के साथ धरना दिया। साथ ही श्रद्धांजलि सभा के बाद हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग फिर उठाई गई। हरदासपुर गांव के रहने वाले दारोगा मनोज मिश्रा की बरेली के फरीदपुर में पशु तस्करों ने साल 2015 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने दावा किया था कि दारोगा मनोज मिश्रा की मौत मुठभेड़ में हुई थी।


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पुलिस ने इस मामले में फरीदपुर के पशुर तस्कर गिरोह को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन भाजपा और दारोगा का परिवार पुलिस के खुलासे से संतुष्ट नहीं था। हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग उठती रही। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाकर लड़ाई भी लड़ी।


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तत्कालीन प्रदेश अध्य्क्ष लक्ष्मीकांत वाजपेययी से लेकर सांसद वरुण गांधी तक ने इस हत्याकांड की सही जांच की मांग उठाई। परिजन इससे पहले इस मांग को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मिले थे, लेकिन उन्होंने सीबीआई जांच की मांग पर यकीन नहीं जताया।


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