CAA हिंसा: लखनऊ में दंगाई हुए ईनामी, पोस्टरों पर चिपके मिले मौलाना समेत 14 आरोपी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बीते साल नागरिकता संशोधन कानून (Lucknow CAA violence) की आड़ में दंगा करने वालों पर लगातार सख्त रूख अपनाए हुए हैं. हिंसा में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में लखनऊ पुलिस पिछले दिनों में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. वहीं, कई आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर हुए नुकसान की भरपाई की गई है. इसी क्रम में कमिश्नरेट पुलिस ने गुरुवार को प्रदर्शनकारियों पर इनाम घोषित कर जगह-जगह इनके पोस्टर लगवा दिए है. पुराने लखनऊ में कई जगह आरोपियों के पोस्टर लगाए गए हैं. मौलाना सैफ अब्बास सहित 14 अन्य आरोपियो के पोस्टर सड़कों पर लगाए गए हैं.


पुराने लखनऊ में ठाकुरगंज थाना में दर्ज मुकदमे के तहत मौलाना सैफ अब्बास सहित 14 अन्य आरोपियों के पोस्टर लगाए गए हैं. पुलिस की मानें तो जिन प्रदर्शनकारियों पर इनाम घोषित है, इनमें से 8 को गैंगस्टर के मुकदमे में वांटेड घोषित किया गया है. इन आरोपियों के घरों के बाहर पुलिस ने नोटिस भी चस्पा करवा दिया है. पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल रहे आरोपी जैनब सिद्दीकी के पिता नईम को हिरासत में ले लिया है.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने जिन मौलाना सैफ अब्बास का पोस्टर में फोटो लगाया है वो अपने घर में ही हैं, लेकिन पुलिस उन्हें ढूंढ नहीं पा रही है. इसके अलावा अन्य आरोपी भी अपने अपने घरों या रिश्तेदारों के घर में पनाह लेकर बैठे हैं. बताया जा रहा है अगर पुलिस मौलाना को अरेस्ट करेगी तो उनके समर्थक प्रदर्शन कर विरोध जता सकते हैं. इसके चलते पुलिस उन तक पहुंचने से हिचक रही है, खैर कारण जो भी लेकिन मौलाना सैफ अब्बास की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.


गौरतलब है कि 19 दिसंबर को राजधानी में सीएए और एनआरसी को लेकर उग्र प्रदर्शन हुए थे. प्रदर्शन के बहाने हंगामेबाजों ने तोड़फोड़, पथराव और आगजनी भी भी जिसके करोड़ों का सार्वजनिक व निजी संपत्ति का नुकसान हुआ. दंगाइयों ने 4 मीडिया संस्थानों की ओबी वैन आग के हवाले कर दीं थीं. राजधानी की शांति व्‍यवस्‍था बिगाड़ने की कोशिश करने वाले आरोपियों की पुलिस काफी दिनों से तलाश कर रही है.


लखनऊ पुलिस ने 87 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. तोड़फोड़, आगजनी, मारपीट, लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम व सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में कुल 63 मुकदमे दर्ज किए गए थे. इन दंगाइयों ने पुलिस चौकी में भी आग लगा दी थी और आम लोगों पर जानलेवा हमला किया था.


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