यूपी: MBBS और BDS छात्रों को योगी सरकार का तोहफा, हर महीने मिलेंगे 12 हजार रुपये

उत्तर प्रदेश में एमबीबीएस (MBBS) और बीडीएस (BDS) की पढ़ाई पूरी कर इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार (Yogi Government) ने बड़ा तोहफा दिया है. एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों का इंटर्नशिप भत्ता बढ़ गया है. नए फैसले के अनुसार अब छात्रों को 12,000 रुपए मासिक भत्ते के रूप में मिलेंगे.


अब 7,500 की जगह मिलेंगे 12 हजार रुपये

इंटर्नशिप के दौरान मेडिकल स्टूडेंट्स को मासिक भत्ते के रूप में 7,500 रुपये की जगह अब 12,000 रुपये देने का फैसला किया गया है. योगी आदित्यनाथ ने इसे मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी है. बता दें कि भत्ते में ये बढ़ोतरी 10 साल बाद की गई है. 


कांग्रेस शासित राज्यों में सबसे कम इंटर्नशिप भत्ता


कांग्रेस (Congress) शासित राजस्थान के एमबीबीएस और बीडीएस छात्र देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम इंटर्नशिप भत्ता मिलता है. राजस्थान में साल 2017 के बाद से महज 7,000 रुपये मासिक दिए जाते हैं. कोविड काल के दौरान राजस्थान के मेडिकल छात्रों ने इंटर्नशिप भत्ते में बढ़ोतरी की मांग लेकर सोशल मीडिया पर आंदोलन भी चला. लेकिन अब तक छात्रों की मांग पूरी नहीं हो सकी है. वहीं अब पूरे दस साल बाद उत्तर प्रदेश में इंटर्नशिप भत्ता राशि में बढ़ोतरी की गई है.


1065 आयुर्वेद/होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा

इससे पहले सोमवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी बंगले पर 1065 आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिया. इसके साथ उन्होंने 142 योग वेलनेस सेंटरों का भी उद्घाटन किया. योगी सरकार इन दिनों मिशन रोज़गार में जुटी है. अगले साल की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव हैं. प्रदेश की बीजेपी सरकार को लगता है बिहार की तरह ही यूपी में भी सरकारी नौकरी बड़ा मुद्दा बन सकता है. इसीलिए इन दिनों ताबड़तोड़ रोज़गार बांटे जा रहे हैं या फिर उनकी घोषणा होती है.


डॉक्टरों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारे ऋषियों ने ‘नास्ति मूलं अनौषधं’ का सूत्र दिया है. इसका मतलब है कि कोई भी मूल कोई भी वनस्पति ऐसी नहीं जिसमें औषधीय गुण न हो. हमें अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति को विस्तार देते हुए वनस्पतियों के औषधीय गुणों के सम्बंध में नए शोध करने चहिए. उन्होंने कहा कि जिन ‘दादी के नुस्खों’ को घिसापिटा मान कर उपेक्षा की जाती थी, आज कोविड काल में वही काढ़ा, हींग, हल्दी, अदरक, कालीमिर्च, तुलसी और गिलोय हमारे लिए जीवनदायिनी साबित हुए. हमें इसका महत्व समझना होगा और इसी के अनुसार भविष्य की राह बनानी होगी.


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