बुंदेलखंड अब और नहीं रहेगा प्यासा, बूंद-बूंद पानी सहेज रही योगी सरकार

बुंदेलखंड (Bundelkhand) अब और प्यासा नहीं रहेगा. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार विभिन्न परियोजनाओं के जरिए यहां पानी के हर बूंद को सहेजने की पूरी शिद्दत से कोशिश कर रही है. पानी सहेजने के साथ इसके बेहतर प्रबंधन पर भी समान रूप से जोर है. स्प्रिंकलर सिंचाई से जुड़ी परियोजनाएं और खेत तालाब योजना इसका जरिया बनेंगी. मौजूदा वित्तीय वर्ष (2021-22) में कृषि विभाग की योजना 100 करोड़ रुपए की लागत से 10,000 खेत तालाबों के निर्माण की है.


मालूम हो कि पर ड्राप मोर क्राप घटक के उपघटक अदर इन्टरवेन्शन के तहत कृषि विभाग प्रदेश में अब तक 49.56 करोड़ रुपये की लागत सड़ 4400 से अधिक खेत तालाबों का निर्माण कराया जा चुका है. इनमें से अधिकांश बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में ही बने हैं. इन तालाबों की जियो टैगिंग के साथ-साथ डीबीटी के माध्यम से किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देय होता है. बारिश के समय इनमें सहेजा गया पानी बाकी समय में सिंचाई और मवेशियों को पीने के काम आएगा.


इसी क्रम में कम पानी में अधिक रकबे की सिंचाई के लिए बतौर मॉडल सरकार तीन स्प्रिंकलर परियोजनाओं पर काम कर रही है. इनमें मसगांव चिल्ली( हमीरपुर) कुलपहाड़ (महोबा ) औऱ शहजाद (ललितपुर) परियोजनाएं शामिल हैं. उम्मीद है कि ये परियोजनाएं इसी साल पूरी हो जाएंगी. बाद में सिंचाई की अन्य परियोजनाओं को भी स्प्रिंकलर से जोड़े जाने की भी योजना है.


इसी साल पूरी होने जा रही अर्जुन सहायक नहर परियोजना से

फसलों को पानी मिलेगा, साथ ही लोगों की प्यास भी बुझेगी. इससे बांदा, हमीरपुर और महोबा की 44381 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. महोबा के लोगों को 20 मिलीयन घन मीटर पेयजल भी उप्लब्ध होगा.


हर खेत को पानी के नारे को साकार कर रही योगी सरकार

प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर ड्राप,मोर क्रॉप और हर खेत को पानी के नारे को साकार करने में लगी है. सिंचाई से जुड़ी तमाम छोटी बड़ी परियोजनाएं और उनपर जारी काम इसका प्रमाण है.


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