‘अय्याश’ सिपाही पति का पत्नी ने किया स्टिंग, दूसरी महिला बनकर की बात तो होटल में रिलेशन बनाने को बुलाया

आपने अक्सर सुना होगा कि किसी मीडियाकर्मी ने पुलिस वाले का स्टिंग ऑपरेशन किया हो, पर हाल ही में सामने आए एक मामले में एक पत्नी ने ही स्पेशल ब्रांच में तैनात कांस्टेबल का स्टिंग कर दिया दरअसल, मामला इंदौर जिले का है. जहां एक महिला को अपने ही सिपाही पति पर शादी के बाद से ही शक था. जिसके बाद महिला ने फेक आईडी बनाई और फिर ‘दूसरी’ महिला बनकर चैटिंग की. सिपाही पति ने ‘दूसरी’ महिला को सेक्स करने, किस करने और गले लगाने के लिए होटल में आने के लिए कहा. अब जब तमाम सबूत जमा हो गए तो पीड़िता ने मामले की शिकायत की. आईये आपको भी बताते हैं कि क्या है पूरा मामला…

ये था मामला…

जानकारी के मुताबिक, सिपाही सत्यम इंदौर पुलिस की स्पेशल ब्रांच में पदस्थ है. उसका पत्नी मनीषा ने स्टिंग ऑपरेशन किया. दोनों की शादी 22 फरवरी 2019 को हुई थी. य़ादी के बाद से ही सिपाही और उसके परिजन दहेज की मांग करने लगे. इतना ही नहीं मायके वालों से मोबाइल पर बात नहीं करने देतेय यहां तक कि अखबार भी नहीं पढ़ने देते थे. इससे तंग आकर मनीषा ने 28 नवंबर 2020 को दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया. इस मामले में पति सत्यम बहल जमानत पर छूटा है.

मनीषा को अपने पति सत्यम पर शुरू से शक था. केस दर्ज होने के बाद सत्यम खुद को सिंगल बताने लगा. शादीशुदा होने के बावजूद फेसबुक पर सत्यम ने खुद को सिंगल बताया. मनीषा ने सत्यम को पकड़ने के लिए फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और फिर पति से सिंगल लड़की बनकर चैटिंग करने लगी.

चैटिंग, जिसमें सत्यम मनीषा को होटल ले जाने की बात कह रहा है।

सत्यम मनीषा को दूसरी महिला समझकर चैटिंग करता रहा. सिपाही पति ने ‘दूसरी’ महिला को सेक्स करने, किस करने और गले लगाने के लिए होटल में आने के लिए कहा. मनीषा ने इस चैटिंग के सबूतों के साथ 6 अगस्त 2020 को पुलिस जनसुनवाई में सत्यम की शिकायत की.

चैटिंग जिसमें सत्यम मनीषा से सेक्स करने की इच्छा जता रहा है।

चैटिंग। जिसमें, सत्यम ने सेक्स को प्यार करने का जरिया बताया।

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जारी किया आदेश

याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला कोर्ट इंदौर की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुरभि सिंह सुमनजी ने मनीषा की याचिका पर पति सत्यम बहल, सास आरती बहल घरेलू हिंसा ना करने के साथ 8 जनवरी 2020 से सात हजार रुपए प्रति माह पीड़िता को भरण पोषण स्वरूप देने का आदेश दिया. साथ ही दो लाख रुपए दिए जाने का आदेश जारी किया.

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