योगी कैबिनेट की बैठक में 6 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए लोन लेगी सरकार

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक ( Yogi Cabinet Meeting ) संपन्न हुई. इस दौरान पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बैंकों से धन जुटाने समेत कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी मिली है. बैठक में पीएम आवास योजना-ग्रामीण की तरह मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की धनराशि सीधे राज्य स्तर से लाभार्थियों के खाते में भेजने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.


बैठक ( Yogi Cabinet Meeting ) में सिविल प्रक्रिया संहिता व सुलह एक्ट में बदलाव को मंजूरी मिली है. बता दें कि सिविल प्रक्रिया संहिता 1960 की धारा 102 में 25 से 50 हजार हुआ तथा 115 में 5 से 25 लाख किया गया है. जिला न्यायाधीश और अपर न्यायाधीश अब इसकी सुनवाई करेंगे.


यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 1988 के तहत सरकार जो प्रिंटिंग का काम दिया जाता था. अब सरकारी प्रेस के अलावा प्रिंटिंग का काम बाहर से भी कराया जाएगा. प्राइवेट कपनी का न्यूनतम टर्नओवर कैटगरी 2 करोड़ (ख) कैटगरी में एक करोड़ और (ग) कैटगरी में 50 हजार होना चाहिए.


सिद्धार्थनाथ सिंह के मुताबिक, मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की धनराशि पीएफएमएस लिक्विड स्���ेट नोडल अकाउंट में सीधे लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है. वहीं उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कांफ्रेंस हाल के निर्माण के लिए कैबिनेट ने सहमति दी है. जिसके निर्माण में 4599.88 लाख रुपये खर्च होंगे. इसी कड़ी में उच्च न्यायालय में मल्टी लेवल पार्किंग और वकीलों के चेंबर पर कैबिनेट की मुहर लगी है. जिसके निर्माण के लिए 530.7 करोड़ का खर्च आएगा.


इन फैसलों को मिली मंजूरी

  • पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लिए कार्पोरेशन बैंक से ऋण लेने को मिली मंजूरी. एक्सप्रेस वे के लिए 12 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है. जिसके लिए पंजाब नेशनल बैंक से 7800 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक से 1000-1000 करोड़ लिया गया था. वहीं, इन दोनों बैंकों का विलय हो जाने से दो हजार करोड़ का लोन लेने के लिए अलग डॉक्युमेंट प्रक्रिया बनाने पर सहमति दी गई. 1000 करोड़ कारपोरेशन बैंक से फ़्रेश लोन मिला है.

  • सीपीसी की धारा 102 में संशोधन को मंजूरी दी गई. वर्तमान धनराशि 25 से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई. धारा 115 में धनराशि बढ़ाकर 5 लाख से 25 लाख रुपये कर दी गई तथा सुलह और मध्यस्थता के अधिनियम में भी बदलाव किया गया. मामलों की सुनवाई एडीजी भी कर सकेंगे.

  • निजी क्षेत्रों को भी टेंडर के जरिए दिया जाएगा सरकारी प्रिटिंग का काम. पहले यह काम बाहरी एजेंसी को दिया जाता था पर 2002 में बंद कर दिया गया. इसके लिए 50 लाख, एक करोड़ व दो करोड़ की तीन फर्म बनाई गई हैं.

  • पीएम आवास योजना-ग्रामीण की तरह मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की धनराशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जाएगी.

  • हाइकोर्ट परिसर प्रयागराज में रोड, कांफ्रेंस हाल, वीआइपी सूट 4399 लाख से बनेगा. इसमें उच्च विशस्तियों के प्रयोग को मंजूरी.

  • हाईकोर्ट परिसर में वकील के चेम्बर और मल्टीलेवल पार्किंग को भी अनुमोदन. 530 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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