कानपुर में हुए बिकरू कांड में लगातार ही जांच का सिलसिला जारी है। इस मामले में अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई समिति को एक शपथ पत्र सौंपा है। इसमें उन्होंने कई लोगों के खिलाफ गहनता से जांच करने की अपील की है। पत्र में ये भी कहा गया है कि जांच में नाम सामने आने के बावजूद कुछ लोगों को आरोपी नहीं बनाया गया है। इसमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं।
अधिवक्ता ने की ये अपील
जानकारी के मुताबिक, बिकरू कांड के अधिवक्ता सौरभ ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाई गई समिति को लिखे पत्र में कहा कि साल 2016 से 2020 तक कानपुर में तैनात रहे एसएसपी, एसपी पश्चिम, सीओ नजीराबाद व सीओ एलआईयू की गहनता से जांच की मांग की। शपथपत्र में कहा कि बिकरू कांड के बाद विकास को भगाने में जिन वाहनों का इस्तेमाल हुआ, वह जय ने अपने खास लोगों के नाम पर खरीदीं थीं।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जांच में विकास दुबे का साथ देने के मामले में कई बड़े नेता, विधायक और मंत्रियों के नाम भी शामिल थे। इन सभी पर अवैध शस्त्र लाइसेंस बनाने में विकास का साथ का आरोप था। बावजूद इसके किसी को रिपोर्ट में आरोपी नहीं बनाया गया।
इन पुलिस अफसरों के खिलाफ भी की कार्रवाई की मांग
इतना ही नहीं अधिवक्ता सौरभ ने ये भी कहा कि सौरभ ने मांग की कि विकास के गैंग को संरक्षण देकर अंकूत संपत्ति बनाने वाले छह आईपीएस, आठ पीपीएस सहित सभी पुलिसकर्मियों पर विजिलेंस एवं आर्थिक अपराध शाखा एजेंसी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे। वहीं जिन जिन लोगों की शह पर विकास दुबे और उसके साथी लाइसेंस का इस्तेमाल करते थे, सबके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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