पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में शुरू बोगीबील पुल परियोजना का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे बड़े रेल-सड़क पुल (बोगीबील पुल) का उद्घाटन कर दिया है. और यहां पीएम मोदी पुल की दूसरी छोर पर स्थित धीमाजी में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
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इस पुल का उद्घाटन आज हुआ है लेकिन इसकी कहानी बहुत पुरानी है. आपकी जानकारी के लिए हम बता दें की बोगीबील पुल परियोजना असम समझौते 1985 का एक हिस्सा है और इसे वर्ष 1997-98 में स्वीकृत किया गया था. उस समय तत्कालीन प्रधान मंत्री एच डी देवेगौड़ा ने 22 जनवरी 1997 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. उसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 21 अप्रैल 2002 को इस परियोजना का काम शुरू किया गया था.
मील का पत्थर साबित होगा पुल
और आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर इस पुल को राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है. इस पुल को पूरा होने में दो दशक से अधिक का समय लगा. बीजी (बड़ी लाइन) ट्रैक पर डबल लाइन और सड़क के तीन लेन के साथ निर्मित यह पुल देश के अधिकांश पूवोर्त्तर इलाकों का जीवन रेखा होगा. साथ ही यह असम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण तट के बीच संपर्क की सुविधा भी प्रदान करेगा.
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यह पुल असम के पूर्वी भाग में डिब्रूगढ़ को ब्रह्मपुत्र के उत्तर हिस्से के जरिये दिल्ली और कोलकाता का भाया रंगिया से वैकल्पिक और छोटा मार्ग प्रदान करेगा। डिब्रूगढ़ से रंगिया की दूरी 170 किमी कम हो जाएगी. असम के ईटानगर में डिब्रूगढ़ से सड़क की दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी और इन दोनों बिंदुओं के बीच की रेलवे यात्रा दूरी 705 किमी कम हो जाएगी.