फर्रुखाबाद जिले में हुए पीयूष हत्याकांड में मृतक के परिजनों ने थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज के इस मामले में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया था। जिसके बाद सोमवार को कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक प्रशांत कुमार ने घटनास्थल का जायजा लेकर एसपी को शीघ्र ही हत्यारों को गिरफ्तार करने की हिदायत दी है। आईजी और एसपी ने पीड़ित परिवार से भेंट कर घटना के बारे में जानकारी की। वहीं अमृतपुर थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी की लापरवाही को देखते हुए दोनों को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित करते हुए विभागीय जांच भी शुरू करा दी है।
ये था मामला
जानकारी के मुताबिक, फर्रुखाबाद के अमृतपुर निवासी दिनेश अवस्थी के पुत्र अनुभव ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर दी। तहरीर मे बताया गया कि, सुबह 7 बजे रामबाबू अरुण विपिन विनोद अंकित अनमोल ब उनके परिवार की महिलाएं प्रीति पत्नी अरुण सीमा पत्नी रामबाबू अलका पत्नी विपिन मुस्कान पुत्री रामबाबू तथा अक्षत पुत्र अरुण आदि लोग नाजायज तमंचा लाठी-डंडों एवं धारदार हथियारों से लैस होकर अनुभव के घर में घुस गए। वो जान से मारने की धमकी देते हुए अनुभव के भाई पीयूष को पकड़ कर अपने साथ ले जाने लगे।
इस दौरान पिता दिनेश चंद, माता मीरा देवी, बहन कुमारी दीक्षा ने पीयूष को छुड़ाने का प्रयास किया। तभी महिलाओं ने कहा कि पूरे परिवार को जान से मार दो। लोगों ने अनुभव के माता-पिता एवं बहन पर असलहों से अंधाधुंध फायरिंग करनी शूरू कर दी। जिससे तीनों लोग बुरी तरह घायल हो गए हमलावर पीयूष का अपहरण कर ले गए अपने घर ले जाकर पीयूष की हत्या कर दी।
युवक ने लगाया पुलिस पर आरोप
अनुभव ने आरोप लगाया कि इस घटना में प्रभारी निरीक्षक अमृतपुर सुनील परिहार ब कस्बा अमृतपुर चौकी इंचार्ज सुनील यादव संलिप्त है। दिल दहला देने वाली घटना से भयभीत होकर पास पड़ोस के लोगों ने अपने खिड़की दरवाजे बंद कर लिए गांव में दहशत का माहौल व्याप्त है। अनुभव ने तहरीर में कहा है कि भाई पीयूष आईएएस की परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
बताया गया है कि तहरीर में थाना प्रभारी चौकी इंचार्ज का नाम देखकर थाना प्रभारी के होश उड़ गए। उन्होंने अनुभव पर दबाव डालकर अपना व चौकी इंचार्ज का नाम हटवा कर दूसरी तहरीर लिखवाई। आरोपियों ने विरोधियों को खत्म करने के लिए अपनी जमीन बेच कर पुलिस को मोटी रकम दी है। पुलिस आए दिन आरोपियों के घर व विवादित स्थान पर जाती थी।
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एसपी ने किया सस्पेंड
आईजी से पूर्व पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने घटनास्थल का जायजा लेकर पीड़ित परिवार से भेंट की। एसपी ने मीडिया को बताया अपर पुलिस अधीक्षक से आज शाम तक ही पुलिसकर्मियों के संरक्षण के बारे में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। यदि कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि पुलिस की जांच में दोषी न पाए जाने के बावजूद भी दागी इंस्पेक्टर व चौकी इंचार्ज को हटाया गया।
सोमवार शाम को पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा की ओर से जारी किए गए प्रेस नोट में कहा गया कि उक्त हत्याकांड में उक्त दोनों अधिकारियों ने लापरवाही, कर्तव्यों में शिथिलता और अकर्मण्यता साबित हुई। इसलिए दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए पुलिस लाइन्स से संबद्ध किया गया है।
इनपुट : अभिषेक गुप्ता
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