अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के शिखर पर होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह की तैयारियाँ जोरों पर हैं। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस अवसर पर 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा भगवा ध्वज मंदिर के 161 फुट ऊँचे शिखर पर फहराया जाएगा। यह आयोजन न केवल राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण कार्य की पूर्णता का प्रतीक होगा, बल्कि इसे प्राण प्रतिष्ठा समारोह जितना ही भव्य बनाया जा रहा है।
भव्य आयोजन और राजनीतिक उपस्थिति
सूत्रों के अनुसार, इस दिन अयोध्या में वरिष्ठ भाजपा नेताओं का बड़ा जमावड़ा देखने को मिलेगा। माना जा रहा है कि यह आयोजन पार्टी के नए अभियान की शुरुआत का भी संकेत होगा। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान “विकसित उत्तर प्रदेश” अभियान की समीक्षा करेंगे, जिसके तहत अब तक पाँच लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही वह जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निरीक्षण भी करेंगे और विश्व के सबसे बड़े स्काउट एवं गाइड जम्बूरी के प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे, जिसमें करीब 35,000 कैडेट शामिल होंगे।
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कैसा होगा ध्वज ?
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि यह विशेष ध्वज वाल्मीकि रामायण में वर्णित प्रतीकों सूर्य, ओम और कोविदार वृक्ष से अलंकृत होगा। पांच दिवसीय समारोह 21 नवंबर से प्रारंभ होगा और 25 नवंबर को ध्वजारोहण के साथ संपन्न होगा। ध्वज 42 फुट ऊँचे खंभे पर स्थापित किया जाएगा, जो मंदिर के भव्य शिखर को और अधिक आकर्षक बनाएगा।
दस हजार अतिथियों की मेजबानी और धार्मिक अनुष्ठान
ट्रस्ट ने इस समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों की संख्या 8,000 से बढ़ाकर 10,000 कर दी है। इस दिन न केवल राम मंदिर बल्कि परिसर के छह अन्य मंदिरों भगवान शिव, गणेश, सूर्य, हनुमान, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा पर भी ध्वजारोहण किया जाएगा। ट्रस्ट सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि सभी मंदिरों में विशेष पूजा, हवन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान होंगे, जिनका संचालन अयोध्या और काशी के आचार्य करेंगे।
ध्वज की मजबूती और तकनीकी तैयारी
ध्वज-स्तंभ को अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है ताकि वह तेज हवाओं और आंधी-तूफानों का सामना कर सके। यह स्तंभ 360 डिग्री घूमने वाले बॉल-बेयरिंग पर आधारित होगा, जिससे ध्वज 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक की हवाओं में भी सुरक्षित रहेगा। ध्वज की गुणवत्ता और टिकाऊपन की जांच जारी है, और इसकी अंतिम रिपोर्ट 28 अक्टूबर को भवन निर्माण समिति के समक्ष पेश की जाएगी। इसके बाद कपड़े के चयन को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह समारोह अयोध्या में राम मंदिर के पूर्ण निर्माण का प्रतीक बनने जा रहा है, जो देशभर के श्रद्धालुओं के लिए गर्व और आस्था का क्षण होगा।


















































