UP DGP बनने की रेस में कई सीनियर IPS अफसरों के नाम शामिल, देखें लिस्ट

बीती शाम योगी सरकार के फैसले ने पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया. दरअसल योगी सरकार मे यूपी पुलिस के मुखिया यानि कि मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया. खबरों की मानें तो उनके काम में लापरवाही को लेकर ये कदम उठाया गया है. इसके बाद अब ये सवाल सबके जहन में है कि प्रदेश का नया डीजीपी कौन होगा ? दावेदारों में डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. डीएस चौहान 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं, सीनियरिटी की लिस्ट में वह पांचवें नंबर पर आते हैं. पर डीजीपी पद के लिए जो मापदंड होते हैं उन में ये सबसे आगे है. जिसके चलते इनके नाम पर मोहर लग सकती है.

क्या हैं डीजीपी के चयन के नियम

जानकारी के मुताबिक, डीजीपी के चयन में दो नियम महत्वपूर्ण होते हैं. पहला, अफसर के पास कम से कम 6 महीने का कार्यकाल बाकी हो. दूसरा, जिसको डीजीपी बनाया जाए उसे कम से कम 1 साल तक पद पर रखा जाए. फिलहाल नए डीजीपी की तैनाती में कम से कम 10 दिन का वक्त लगेगा, तब तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार डीजीपी का काम देखेंगे. पर कई ऐस नाम हैं जो डीजीपी बनने की रेस में हैं. आइये जरा उनपर नजर डालते हैं.

ये हैं डीजीपी पद के प्रबल दावेदार

इस समय यूपी में 87 और 88 बैच के कुल 8 IPS डीजी रैंक पर तैनात हैं. जिसमें एक आईपीएस 1988 बैच के अनिल अग्रवाल भारत सरकार में डेपुटेशन पर तैनात है. आईपीएस अफसरों की करें तो सीनियरिटी लिस्ट में सबसे पहला नाम आरपी सिंह का है. 1987 बैच के आईपीएस आरपी सिंह वर्तमान में डीजी ट्रेनिंग के पद पर तैनात हैं. आरपी सिंह फरवरी 2023 में रिटायर हो जाएंगे.

इसके बाद नंबर आता है विश्वजीत महापात्रा महापात्रा का. मुकुल गोयल को डीजी सिविल डिफेंस बनाए जाने के बाद विश्वजीत महापात्रा को डीजी को-ऑपरेटिव बनाया गया है. लेकिन विश्वजीत महापात्रा जून 2022 में ही रिटायर हो रहे हैं, यानी इनके पास नौकरी के सिर्फ 2 महीने बाकी हैं. लिहाजा विश्वजीत महापात्रा डीजी की रेस से बाहर हैं.

तीसरे नंबर पर 87 बैच के आईपीएस जीएल मीणा हैं. मीणा वर्तमान में डीजी सीबीसीआईडी हैं. जीएल मीणा जनवरी 2023 में रिटायर होंगे, यानी इनके पास 7 महीने का वक्त बाकी है. लेकिन जीएल मीणा के साथ बतौर डीजी होमगार्ड रहते भ्रष्टाचार का मामला जुड़ा है. जीएल मीणा इसी बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल में डीजी होमगार्ड थे और होम गार्डों की ड्यूटी लगाने और मस्टररोल घोटाले को लेकर बड़ा विवाद हुआ था, इसके बाद जीएल मीणा को हटाया गया था.

सीनियरिटी लिस्ट में चौथा नाम डॉक्टर आरके विश्वकर्मा का है. राजकुमार विश्वकर्मा वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष हैं. मई 2023 में इनका रिटायरमेंट होगा.

जबकि सीनियरिटी लिस्ट में पांचवें नंबर पर डीजी इंटेलीजेंस डीएस चौहान का नाम आता है. डीएस चौहान लंबे समय से डीजी इंटेलीजेंस जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात हैं. डीएस चौहान पुलिसिंग के माहिर अफसर माने जाते हैं. वर्तमान हालात में प्रदेश के हर आईपीएस अफसर की कुंडली डीएस चौहान जानते हैं. वह एसटीएफ जैसी महत्वपूर्ण संस्था के आईजी रहे हैं. डीएस चौहान फील्ड के माहिर अफसर गिने जाते हैं.

डीएस चौहान के बाद सिविल लिस्ट में अनिल अग्रवाल हैं, लेकिन अनिल अग्रवाल भारत सरकार में डेपुटेशन पर तैनात हैं.

अनिल अग्रवाल के बाद जो नाम है, वह डीजीपी की रेस में अपने लंबे कार्यकाल के चलते प्रबल दावेदार हैं. डीजी जेल आनंद कुमार. वह लंबे समय तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जैसे पद पर रहे हैं. वर्तमान में उत्तर प्रदेश की जेलों में हो रहे सुधार कार्यक्रमों में आनंद कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका है. आनंद कुमार के पास अप्रैल 2024 का लंबा कार्यकाल बाकी है.

सीएम के विश्वसनीय हैं डॉ. डीएस चौहान

खबरों की मानें तो पेशे से एमबीबीएस डॉ. डीएस चौहान मैनपुरी के रहने वाले हैं. चुनाव के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी के रहने वाले जिस आईपीएस अफसर की ओर इशारा कर जासूसी का आरोप लगाते थे, वो इशारा डीएस चौहान की तरफ ही रहता था. लंबे समय से डीजी इंटेलीजेंस जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे विश्वसनीय अधिकारी हैं. डीजीपी बनने की रेस में इसलिए सबसे आगे इन्हीं का नाम शामिल है. अब फिलहाल सभी को नए पुलिस मुखिया का मान का एलान होने का इंतजार है.

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