सपा-बसपा गठबंधन में RLD अपनाएगी ‘कैराना मॉडल’, इस सीट से जयंत चौधरी लड़ सकते हैं चुनाव

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यूपी में बने सपा-बसपा में अभी काफी ट्विस्ट बाकी है. राजनीतिक जानकरों के मुताबिक गठबंधन में आएलडी की गणित कैराना मॉडल पर बैठती दिख रही है. दरअसल कैराना लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की नेता तबस्सुम हसन को रालोद के टिकट पर गठबंधन का प्रत्याशी बनाया गया था. तबस्सुम हसन ने बीजेपी की दिवंगत बीजेपी सांसद हुकुम सिंग की बेटी मृगांका सिंह को हराया था.


बता दें अखिलेश-मायावती के गठबंधन में 2 सीटें सहयोगी के लिए रखी गयी हैं. वहीं सूत्रों के मुताबिक रालोद 5-6 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है. वहीं अखिलेश यादव अपने 38 सीटों के कोटे से कुछ सीटें सहयोगी दलों को देने को तैयार हैं. जानकारों के मुताबिक सपा रालोद को कुछ सीटें कैराना मॉडल पर दे सकती है, इससे रालोद गठबंधन में आ जायेगा और जिसका फायदा महागठबंधन को मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो सकता है.


सूत्रों से मिली खबर के अनुसार राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाक़ात के दौरान बागपत लोकसभा सीट से खुद की उम्मीदवारी प्रस्तुत की. जिसे अखिलेश ने भी स्वीकार कर ली है. इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी हरी झंडी दे दी है.


अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद जयंत चौधरी ने कहा, ‘लड़ाई मैं की नहीं है, लड़ाई हम की है, हम मिलकर लड़ेंगे. जैसे कैराना में हमने मिलकर लड़ा था, वहां हमारा तालमेल बहुत सफल हुआ. इस बार भी हमें बहुत सफलता मिलेगी.’ जयंत चौधरी ने कहा कि बीजेपी किसान विरोधी है. इससे पहले चर्चा थी कि दोनों के बीच बैठक दिल्ली में होगी लेकिन यह बैठक किन्हीं कारणों से स्थगित हो गई. एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव दिल्ली नहीं जा सके.


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