UP: शिवपाल को मौलाना शहाबुद्दीन की नसीहत, अपमान का बदला लेने का मैनपुरी उपचुनाव सही वक्त, न करें डिंपल का समर्थन

मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha Seat) पर होने वाले उपचुनाव (By Election) के लिए समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, प्रसपा चीफ शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yada) ने सपा उम्मीदवार को खुला समर्थन देने का ऐलान किया तो ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi) ने उन्हें नसीहत दे डाली।

डिंपल का नहीं करना चाहिए समर्थन

शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता हैं, वो एक जमाने से अपने भाई मुलायम सिंह यादव के कामों को आगे बढ़ाते रहे। उनकी मंशा और मर्जी के मुताबिक काम करते रहें, मगर चंद सालों से भतीजे अखिलेश यादव से उनके काम करने के तौर तरीकों को लेकर विवाद चला आ रहा है।

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उन्होंने कहा कि मुसलमान मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव को अपना हितौषी मानते हैं, लेकिन अखिलेश यादव को नहीं। शिवपाल यादव को सपा उम्मीदवार डिम्पल यादव का समर्थन नहीं करना चाहिए, क्योंकि समाजवादी पार्टी के लोगों ने शिवपाल यादव का बहुत अपमान किया है। इस अपमान का बदला मैनपुरी चुनाव में लेने का सही वक्त है।

अखिलेश की जगह शिवपाल को पसंद करते हैं मुस्लिम

मौलाना ने कहा कि शिवपाल यादव को अपने समर्थकों को अलग रास्ता इख्तयार करने के लिए कहना चाहिए। यही सही वक्त है कि शिवपाल यादव अपनी ताकत व कुव्वत का मुजाहिरा करते। उन्होंने बहुत बड़ी सियासी गलती की है। इस गलती का खामियाजा आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। जब शिवपाल अपने समर्थकों के लिए अखिलेश से लोकसभा के टिकट मांग रहे होंगे और अखिलेश यादव उनके उम्मीदवारों की लिस्ट को कूड़ेदान में डाल देंगे।

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मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान अखिलेश यादव के मुक़ाबले में शिवपाल यादव को ज्यादा पसंद करता है। पूर्व की सपा सरकार में मुसलमान अपने मसले लेकर अखिलेश यादव के घर जाने के बजाय शिवपाल यादव के घर जाया करते थे। वो मुसलमानों से बात करते, इज्जत व सम्मान देते और समस्या का समाधान भी करते थे।

सम्मान-इज्जत चाहते हैं तो करें पुनर्विचार

उन्होंने कहा कि उस दौरान मैंने भी यह अपनी आंखों से देखा है। अखिलेश यादव के घर एकाध ही मुसलमान ही नजर आते थे वो भी जो पार्टी के पदाधिकारी थे, मगर इसके विपरीत शिवपाल यादव जी के घर मुसलमानों का अच्छा खासा जमावड़ा रहता था। दोनों नेताओं के कोर ग्रुप के नामों पर अगर गौर करें तो आज भी ये वजह (स्पष्ट) तौर पर देखने को मिल जाएगा।

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मौलाना ने शिवपाल यादव से अपील की है कि अगर वो इज्जत व सम्मान चाहतें हैं तो अपने तौर पर लिए गए फैसले पर पुनर्विचार करें, वरना बहुत सियासी नुकसान हो जाएगा जिसका एहसास अभी नहीं चंद महीनों के बाद नजर आने लगेगा।

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