Independence Day 2022: PM मोदी ने 9वीं बार लाल किले की प्राचीर से फहराया तिरंगा, कहीं ये बड़ी बातें

आजादी की 75 वीं वर्षगांठ और 76 वें स्वतंत्रता दिवस के दिन पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर 9 वीं बात तिरंगा लहरा दिया है। आज का दिन हम सभी के लिए बेहद खास है। लाल किले के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वह लाल किला पहुंचे और तिरंगा फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कई बड़ी बातें कहीं जोकि निम्न हैं।

पीएम मोदी ने कहीं कई महत्वपूर्ण बातें

प्रधानमंत्री ने कहा, न सिर्फ हिंदुस्तान का हर कोना, बल्कि दुनिया हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वाले विश्व के हर कोने में ये हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है। हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। पीएम ने कहा, देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है। आज का ये दिवस ऐतिहासिक है।

उन्होंने कहा, यह एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का ये शुभ अवसर है। पीएम ने कहा, यह देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे ऐसे अनगिनत क्रांति वीरों का, जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी।

 

भारत लोकतंत्र की जननी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके जहन में लोकतंत्र होता है, वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं तो उनका सामर्थ्य दुनिया की बड़ी-बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आता है।

2047 के लिए लें पांच प्रण

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब हम 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरे करेंगे तो हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सभी सपनों को पूरा करने का प्रण लें। उन्होंने कहा, अगले 25 साल देश के बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें पंच प्रण की शक्ति पर ध्यान केंद्रित करना होगा। ये पंच प्रण हैं-

1-विकसित भारत- अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए।

2-गुलामी के हर अंश से मुक्ति का प्रण- दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना।

3-विरासत पर गर्व- तीसरी प्रण शक्ति है कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। यही विरासत है, जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया था। यह विरासत है जो समय समय पर परिवर्तन करने का सामर्थ्य रखती है।

4- एकता और एकजुटता का प्रण- चौथा प्रण है एकता और एकजुटता। 130 करोड़ देशवासियों में एकजुटता। न कोई अपना न कोई पराया। एक भारत औऱ श्रेष्ठ भारत के लिए यह प्रण है।

5-नागरिकों को अपने कर्तव्यपालन का प्रण- पीएम मोदी ने कहा,
5वां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य। इससे पीएम, मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता है। ये 25 सालों के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रण हैं।

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