पीएम मोदी ने नीति आयोग का किया पुनर्गठन, अमित शाह बने पदेन सदस्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नीति आयोग के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है. नीति बनाने वाली इस सर्वोच्च संस्था के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ही रहेंगे. इसका अध्यक्ष पद प्रधानमंत्री के जिम्मे होता है, इसलिए नरेंद्र मोदी इसकी अध्यक्षता करते रहेंगे. मौजूदा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पदेन (एक्स ऑफिशियो) सदस्य बनाया गया है. पुनर्गठित नीति आयोग में डॉ बिबेक देबरॉय को जगह नहीं दी गई है. डॉ बिबेक देबरॉय पिछले नीति आयोग के फुल टाइम मेंबर थे.


आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार अब नीति आयोग में चार की जगह सिर्फ तीन फुल टाइम मेंबर होंगे. प्रधानमंत्री निति आयोग के चेयरपर्सन हैं जबकि राजीव कुमार को नीति आयोग का फिर से वाइस चेयरपर्सन बनाया गया है. वीके सारस्वत, प्रो रमेश चांद और डॉ वीके पॉल इसके फुल टाइम मेंबर बने रहेंगे.


आयोग के पदेन सदस्यों में शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त और कार्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल होंगे.


सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी, समाजिक न्यया एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री, योजना मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह इसमें विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे.


गौरतलब है कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कार्यकाल मोदी सरकार के साथ ही खत्म हो गया था. लेकिन उन्हें दोबारा मौका दिया गया है. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद पिछली सरकार के मंत्रिमंडल ने 24 मई को इस्तीफा दे दिया था. 16वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को खत्म हो गया. राजीव कुमार का कार्यकाल भी इसी महीने खत्म हो गया था. कुमार ने इस पद पर अरविंद पनगढ़िया की जगह ली थी, जिन्होंने अमेरिका में फिर से पढ़ाने के लिए एकाएक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.


क्या है नीति आयोग?

नीति आयोग सरकार का प्रमुख शोध संस्थान है. NITI का फुल फॉर्म नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया है. यह केंद्र सरकार के लिए रणनीतिक और दीर्घावधि की नीतियां और कार्यक्रम बनाने के साथ केंद्र और राज्यों को उचित तकनीकी सलाह भी देता है. आयोग की स्थापना 2015 में हुई थी. इसने योजना आयोग का स्थान लिया था. अरविंद पनगढ़िया आयोग के पहले उपाध्यक्ष थे. सितंबर, 2017 में कुमार ने पनगढ़िया का स्थान लिया था.


देश का प्रधानमंत्री नीति आयोग का अध्यक्ष होता है. इसकी गवर्निंग काउंसिल में राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल होते हैं. विशिष्ट मुद्दों और ऐसे आकस्मिक मामले, जिनका संबंध एक से अधिक राज्य या क्षेत्र से हो, को देखने के लिए क्षेत्रीय परिषद होती है. ये परिषद विशिष्ट कार्यकाल के लिए बनाई जाती हैं. भारत के प्रधानमंत्री के निर्देश पर क्षेत्रीय परिषदों की बैठक होती है और इनमें संबंधित क्षेत्र के राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल होते हैं. इनकी अध्यक्षता नीति आयोग के वाइस चेयरमैन करते हैं.


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