मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर । सांसद रहते हुए जनता की छोटी छोटी समस्याओं के लिए सड़कों पर उतर जाने वाले सीएम योगी के अपने शहर में जनता को नगर निगम द्वारा मनमाने टैक्स की नोटिस भेजी जा रही है। इस बढ़े हुए टैक्स के बोझ से शहरवासियों की सांसें फूल रही है लेकिन जनता सरकार का विरोध करने का साहस नहीं जुटा पा रही है।
सपा पार्षद सर्वे के आधार पर टैक्स लगाने का करते रहे विरोध, सदन से किया वाकआउट
अब इसी मनाने टैक्स की मार झेल रही गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र की जनता के हक में समाजवादी पार्टी के पार्षदों ने निगम सदन में बोर्ड की 10वीं बैठक में जमकर हंगामा काटा। जीआईएस सर्वे के आधार पर टैक्स लगाने का विरोध कर रहे सपा पार्षदों ने सदन से वाक आउट किया। बोर्ड की 10वीं बैठक में जीआईएस सर्वे के विरोध में पार्षद धरने पर भी बैठे।
बताते चलें कि गोरखपुर नगर निगम बोर्ड की 10वीं बैठक में सपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे महापौर व नगर आयुक्त के सामने धरने पर बैठ गए। पार्षद जीआईएस सर्वे को रद्द करने की मांग करते रहे। भोजनावकाश हो जाने के बाद तमाम पार्षद भोजन करने चले गए वहीं समाजवादी पार्षद धरने पर बैठे नारेबाजी करते रहे।
नगर आयुक्त पर आरोप लगाते हुए सपा पार्षदों ने कहा कि उनकी बातें भी सदन में अनसुनी कर दी गई। इसके बाद पार्षदों ने वाकआउट कर दिया। सपा पार्षद जियाउल ने कहा कि समाजवादी पार्टी के संगठन और सदन में सपा पार्षद दल के नेता अशोक यादव ने इस सम्बंध में ज्ञापन भी सौंपा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई न ही एक कमेटी बनाई गई।
ज़ियाउल इस्लाम ने बताया कि नगर निगम अधिनियम की धारा 173, 174, 175 में सम्पत्ति कर में गृह कर व जलकर का निर्धारण किया जाता है। नगर निगम के अधिकारी खुलेतौर पर अधिनियम की अवहेलना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस समय गोरखपुर नगर निगम अधिनियम से नही बल्कि तानाशाही और मनमर्ज़ी से चल रहा है। मुख्यमंत्री जी को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए ।
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