Tokyo Paralympics: कभी पिस्टल की गोलियां खरीदने के लिए पत्नी को बेचने पड़े थे गहने, आज जीता कांस्य, जानें कौन हैं सिंहराज अधाना

भारत ने अब तक टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में दो स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक के साथ कुल दस पदक अपने नाम कर लिए हैं। आज भारत के सिंहराज अधाना ने टोक्यो पैरालंपिक पी वन पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच वन फाइनल में तीसरे स्थान पर रह कर कांस्य पदक हासिल किया। इसके साथ ही भारत को इस पैरालंपिक में आठवां पदक मिला। सिंहराज ने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए काफी स्ट्रगल किया है। एक समय आलम कुछ ऐसा हो गया था कि सिंहराज की पत्नी को अपने गहने तक बेचने पड़े थे।


कोच को दिया क्रेडिट

जानकारी के मुताबिक, आज टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर सिंहराज ने देश का नाम रोशन कर दिया। मुकाबले की बात की जाए तो शीर्ष तीन में जगह बनाने के लिए शुरुआत से ही प्रयास कर रहे थे। इस दौरान उनका 19 शॉट्स सही नहीं लगा जिसके चलते वह पिछड़ गए। लेकिन 20वां प्रयास उनका अच्छा रहा और चीन के झियालोंग लोउ 8.6 अंक ही ले पाए। हालांकि फाइनल में चीन का दबदबा देखने को मिला। मौजूदा चैंपियन चाओ यांग ने 237.9 अंकों के साथ गोल्ड मेडल जीता। जबकि, हुआंग झिंग ने 237.5 के स्कोर के साथ रजत पदक पर कब्जा किया।


कांस्य पदक जीतने के बाद उन्होंने कहा, ‘मैं यह पदक अपने परिवार और कोचों को समर्पित करना चाहता हूं। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरे आसपास कई अच्छे लोग हैं। ‘ब्रह्मा, विष्णु और महेश’ जैसे तीनों कोच मेरे साथ रहे, जिन्होंने मुझे प्रेरित किया और मैं उनका आभारी हूं।’ इससे पहले सिंहराज ने बताया कि उन्होंने मेडिटेशन से कैसे मदद मिली।


पैरा एथलीट सिंहराज ने मार्च 2021 में संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा के फाइनल में उज्बेकिस्तान के सर्वर इब्रागिमोव को 2.8 अंकों से हराकर गोल्ड मेडल जीता था।


जब पत्नी ने बेच दिए थे गहने

सिंहराज सिंह अधाना हरियाणा के बहादुगढ़ के रहने वाले हैं। उनका परिवार आर्थिक तौर पर काफी ज्यादा मजबूत नहीं है। ऐसे में सिंहराज के लिए शूटिंग जैसे महंगे खेल का खर्च उठाना आसान नहीं था। सिंहराज ने कुछ समय पहले पीएम मोदी से बातचीत में बताया था कि उनकी पत्नी ने उनके सपने के लिए काफी त्याग किए हैं। सिंहराज सिंह ने कहा, ‘पहला नेशनल मेडल जीतने के बाद ही मैंने तय कर लिया था कि अब मुझे पैरालिंपिक में मेडल जीतना है। मैं इसके लिए बेस्ट पिस्टल और गोलियां चाहता था। मेरे कोच ने बताया कि यह काफी महंगा और इसका एक दिन का खर्च 7 से 8 हजार रुपए होगा। ऐसे में मेरी पत्नी ने मुझपर भरोसा दिखाया और कहा कि वह मेरे फैसले के साथ है। उन्होंने मेरे सपने के लिए अपने गहने बेच दिए थे।’


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