प्रयागराज के अधिवक्ता हत्याकांड में दारोगा शैलेंद्र सिंह दोषी, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

आज से साढ़े सात साल पहले प्रयागराज के जिला अदालत परिसर में अधिवक्ता नबी अहमद की हत्या में कोर्ट ने अब जाकर आरोपित बर्खास्त दारोगा शैलेंद्र सिंह को दोषी करार दिया है. इतना ही नहीं कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. यह आदेश रायबरेली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल शाहिद ने दोनों पक्षों की लंबी दलीलों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद दिया है. बता दें दारोगा कि मदद को एक समय में पुलिसकर्मियों ने भी अभियान चलाया था. पर बावजूद इसके वो ये केस हार गए.

ये था मामला

जानकारी के मुताबिक, रामपुर करछना निवासी अधिवक्ता नबी अहमद कोर्ट परिसर में थे. तभी वहां दारोगा शैलेंद्र सिंह एक मुकदमे के सिलसिले में गए थे. इसी बीच नबी अहमद व शैलेंद्र के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया. शैलेंद्र ने अपनी रिवाल्वर निकालकर फायरिंग कर दी और गोली नबी अहमद को लग गई. इससे उनकी मौत हो गई थी.

गोली चलते ही वहां मौजूद अन्य अधिवक्ता भड़क गए और शैलेंद्र की रिवाल्वर छीन कर फायरिंग करने लगे. एक गोली मम्फोर्डगंज चौकी में तैनात कांस्टेबल अजय नागर (25) के गले में जा लगी. इसके बाद माहौल और अराजक हो गया. अधिवक्ता पथराव करते हुए एसएसपी दफ्तर की तरफ बढ़े. पथराव में सैकड़ों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और राहगीरों को भी चोटें आई.

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स आरएएफ को बुलाया गया था. विरोध की आग फैली तो हाईकोर्ट के वकीलों ने भी उग्र हो गए और फायर टैंकर में आग लगा दी थी. इस मुकदमे की प्रथम सूचना रिपोर्ट नबी के पिता शाहिद ने कर्नलगंज थाने पर दर्ज कराई थी. इस मामले में चश्मदीद गवाहों और वीडियो क्लिप के आधार पर दरोगा शैलेंद्र सिंह को आरोपित बनाया गया था. आरोपित दरोगा शैलेंद्र सिंह गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेल में बंद है. हाईकोर्ट से भी उसकी जमानत अर्जी तीन बार खारिज हो चुकी है.

दारोगाओं ने चलाई थी मुहीम

दारोगा शैलेंद्र की गिरफ्तारी के बाद वर्ष 2008 बैच के दारोगाओं की ओर से आर्थिक मदद की मुहिम चलाई गई.  देवरिया, प्रयागराज से लेकर प्रदेशभर के तमाम पुलिसकर्मी शैंलेंद्र की पत्नी के बैंक खाते में स्वैच्छिक आर्थिक मदद को आगे आए थे. इसके बाद जब दारोगा का मुकदमा लड़ने के लिए कोई वकील आगे नहीं आया तो अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने पैरवी करने की बात कही थी.उनके पति तत्कालीन आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने शैलेंद्र के परिवार से मुलाकात की थी.

पत्नी की अपील पर रायबरेली में ट्रांसफर हुआ था केस

इस कार्रवाई के दौरान दरोगा शैलेंद्र सिंह की पत्नी सपना सिंह ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि वह बिल्कुल अकेली पड़ गई है. उसे कोई वकील नहीं मिल रहा है. इसी को आधार बनाकर उसने पति शैलेंद्र सिंह के खिलाफ चल रहे हत्या के मुकदमे की सुनवाई किसी और जिले से कराने का आग्रह किया था. उसकी अर्जी पर हाईकोर्ट ने केस रायबरेली ट्रांसफर कर दिया था. अब रायबरेली कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. अब जाकर अधिवक्ता नबी की गोली मारकर हत्या के मुकदमे में गुरुवार को आरोपित दरोगा शैलेंद्र सिंह को दोषी करार दे दिया गया. दंड के प्रश्न पर को दोनों पक्षों की बहस 23 सितंबर (शुक्रवार) को होगी.

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