सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ चेन्नई में पटाखे जलाने पर 700 लोगों पर केस दर्ज

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी तमिलनाडु और चेन्नई के हज़ारों लोगों ने 2 घंटे से ज़्यादा पटाखे जलाने की गलती की और परिणाम स्वरुप 700 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. सुप्रीम कोर्ट की वजह से इन लोगों पर कार्यवाई की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे. साथ ही राज्य सरकारों को गाइडलाइन के मुताबिक पटाखे जलाने संबंधी रूल फॉलो कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन दिवाली आने से पहले से ही लोगों ने निर्देशों को दरकिनार कर समय की पाबंदी के बावजूद पटाखे जलाए. ऐसे में तमिलनाडु सरकार ने पटाखे जलाने के लिए सुबह 6 से 7 बजे और शाम को 7 से 8 बजे का समय निर्धारित किया है.

 

द् न्यूज मिनट की खबर के मुताबिक, पुलिस ने करीब 700 लोगों को धारा 291 (आदेश की अवज्ञा कर उपद्रव करना) और धारा 268 (सरकारी आदेश की अवज्ञा करना) के तहत मामला दर्ज किया है. राज्य के कई जिलों में कुछ लोगों पर सिर्फ एफआईआर दर्ज की गई है और उन्हें जल्द ही बेल मिल जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के 23 अक्टूबर के आदेश पर अमल करते हुए तमिलनाडु सरकार 1 नवंबर को दिवाली पर पटाखे जलाने का समय निर्धारित किया था. राज्य सरकार ने दिन में सिर्फ दो घंटे पटाखे जलाने की छूट दी थी.

 

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बता दें कि 23 अक्टूबर के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली या किसी अन्य मौके पर रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाने का समय निर्धारित किया था. इसके साथ ही ग्रीन पटाखे ही जलाए जाने के बारे में कहा था. पर्यावरण का ध्यान रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लिथियम, वेरियम, नमक, एंटीमोनी, लीड और पारा युक्त पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई है. साथ ही कहा था कि 125- 145 डेसीबल आवाज वाले पटाखे ही फोड़े जा सकते हैं. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, न्यायालयों, धार्मिक संस्थानों से कम से कम 100 मीटर दूर पटाखे जलाने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे लाइसेंस को लेकर भी दिशानिर्देश दिए थे.

 

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