UP: कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों के लिए मसीहा बने CM योगी, ‘सुरक्षा, संरक्षण और पुनर्वास’ की योजना बनाने के दिए निर्देश

कोरोना संक्रमण की चपेट में आए माता-पिता के बच्चे जो 18 साल से कम आयु वर्ग के हैं उनकी सुरक्षा, संरक्षण और पुनर्वास के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) एक ओर कोरोना पर लगाम लगाने के लिए ठोस रणनीति के तहत कार्य कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कोविड (Covid) से ग्रसित माता पिता की संतानों के लिए भी संवेदनशील हैं। सीएम ने प्रदेश के आला अधिकारियों को निर्देश देते हुए 18 साल से कम उम्र के बच्चों को चिन्हित करने के आदेश दिए हैं।


महिला कल्याण निदेशालय ने प्रदेश के सभी जनपदों के डीएम को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। जिससे ऐसे सभी बच्चों के संबंध में सूचनायें संबंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लाॅक तथा ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय किया जाएगा।


इनके कंधों पर है बच्चों की जिम्मेदारी


प्रदेश के ऐसे सभी बच्चों की जिम्मेदारी जिला प्रशासन, जिला बाल संरक्षण समिति, जिलाधिकारी, स्पाॅन्सरशिप अप्रूवल कमेटी, राज्य बाल संरक्षण आयोग को सौंपी गई है। महिला कल्याण विभाग ने इन सभी को आदेश दिए हैं कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, कोविड-19 के प्रभाव से अनाथ या बेघर, बेसहारा हुए बच्चों के पुनर्वास के लिए बाल संरक्षण सेवाओं योजना के तहत वित्त पोषित सुविधाएं दिये जाने समेत त्वरित कार्रवाही की जाए। इसके साथ ही सभी जिलाधिकारी साप्ताहिक आधार पर ऐसे बच्चों के पुर्नवास की कार्रवाई की समीक्षा करते हुए विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।


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बाल संरक्षण समितियों की मॉनिटरिंग कर रहा बाल आयोग


राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर बिशेष गुप्ता ने बताया कि अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा ,संरक्षण और पुनर्वासन के लिए मुख्यमंत्री जी के दिए गए निर्देशो के क्रम में बाल आयोग ने १७ मई से २२ मई के बीच प्रदेश के सभी मंडलों की वर्चुयल बैठक आयोजित करके प्रोबेशन, चिकित्सा, नगर निगम, पंचायत, शिक्षा इत्यादि विभागों से ऐसे परिवारों की सूची माँगी जिन परिवारों में बच्चे अनाथ हो गए हैं या परिवार ऐसे बच्चों को पालने में असमर्थ हैं।


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साथ ही मुख्यमंत्री जी के प्रदेश के हर सरकारी हॉस्पिटल के अंतर्गत एक पीडीऐट्रिक वार्ड बनाने के निर्देशानुसार बाल आयोग चिकित्सा विभाग की मॉनिटरिंग भी कर रहा है ताकि बच्चों के संक्रमित होने की दशा में उन बच्चों को इस वॉर्ड्ज़ में दाखिल करें। बाल आयोग गाँव स्तर पर बनी बाल संरक्षण समितियों की भी मॉनिटरिंग कर रहा है ताकि गाँव स्तर पर बच्चों के संक्रमण होने की दशा में ऐसे बच्चों की जानकारी तुरंत प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि आयोग प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर जो बच्चे घरों में बंद है उनकी विभाग द्वारा की जा रही विधिवत काउन्सलिंग की भी मॉनिटरिंग कर रहा है। इन विभागों से प्राप्त तथ्यों की मुख्यमंत्री को प्रेषित किया जाएगा।


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