लखनऊ: संजय सेठ ने फेरा ब्लैकमेलरों और सियासी षड्यंत्रकारियों के मंसूबों पर पानी, CP को चिट्ठी लिख कहा- या तो सबूत दें, नहीं तो हो क़ानूनी कार्रवाई

महज़ ब्लैकमेलिंग और सियासी साजिश की मंशा से राज्यसभा सांसद और प्रमुख कारोबारी संजय सेठ (Sanjay Seth) को घेरने की कोशिशें उस वक़्त नाकाम हुई जब वे खुद सामने आए और अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी. उन्होंने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर कहा कि जो लोग संगीन आरोप लगा रहे हैं उसकी गंभीरता से जाँच हो और वो उनको बदनाम करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई हो.


संजय सेठ ने पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को लिखी चिट्ठी में कहा, “मृत युवती, उसकी पृष्ठभूमि, पासपोर्ट नंबर, मोबाइल नंबर के बारे में जांच करने का अनुरोध करता हूं. उसकी कॉल डिटेल, लखनऊ में उसके होटल व अन्य स्थान पर रहने का विवरण और भारत में किसी भी अन्य जगह पर उसकी अन्य व्यक्तियों से मुलाकात महत्वपूर्ण तथ्य हैं, जिनका विवरण जानना अति आवश्यक है.”



संजय सेठ ने पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि युवती लखनऊ के किन होटलों में रुकी, उन होटलों को किसने बुक कराया, होटल में आने और जाने, विजिटर्स से मुलाकात के सीसीटीवी फुटेज, लखनऊ में उसके मोबाइल के सभी लोकेशन से पता लगाया जाए वह किससे कब और कहां मिलने गई? उन्होंने कहा कि एक बार जांच के पश्चात सभी विवरण सामने आने पर सच्चाई स्वयं सामने आ जाएगी.


सेठ ने इस बात की भी मांग की है मृत थाई युवती को अस्पताल में किसने एडमिट कराया तथा वह व्यक्ति कौन था जिसने उसकी मेडिकल इमरजेंसी में सहायता की. साथ ही वायरल हो रहे सोशल मीडिया पोस्ट में “सलमान” का बार बार जिक्र हुआ, उसकी भूमिका इस पूरे मामले में क्या है. इसकी भी जांच होनी चाहिए. इन सामग्रियों में वर्णित तथ्यों को आई.पी. सिंह (IPSinghSp) या महेंद्र कुड़िया (@GaDDastak) या व्हाट्सएप ग्रुप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल किया है.


भाजपा सांसद ने बताया कि मुझे मेरे दोस्तों और सहयोगियों ने सूचित किया है थाई युवती की मृत्यु के पश्चात कुछ दुर्भावनापूर्ण सोशल मीडिया पोस्ट, व्हाट्स ऐप और ट्विटर अकाउंट पर अपलोड और प्रसारित किए गए हैं. इनमें मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण सामग्री पोस्ट कर उनके परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया है. मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पहले आईपी सिंह (@IPSinghSp) द्वारा ट्विटर पर इस तरह का एक कुत्सित ट्वीट पोस्ट किया गया फिर उसे राम दत्त त्रिपाठी ने रिट्वीट किया और एक तस्वीर के साथ कई बार वायरल किया गया.


उन्होंने कहा कि इस दुर्भावनापूर्ण कुत्सित सामग्री के स्रोत और उत्पत्ति के बारे में गहन जांच की नितांत आवश्यकता है. इस तरह की सामग्री के गलत पाए जाने पर ऐसी पोस्ट करने वाले और री-ट्वीट करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. इस आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों में महेंद्र कुड़िया (@GaDDastak) भी शामिल हैं, जिन्होंने बेतुका और फर्जी ट्वीट किया है, इसके भी सूचना के स्रोत, इसकी उत्पत्ति और शुद्धता के लिए कड़ी जांच की जरूरत है. इस पूरे मामले की साइबर सेल पुलिस से और आईटी सेल पुलिस से सख्त और गहन जांच कर इस तरह की कुत्सित दुर्भावनापूर्ण सामग्री की उत्पत्ति का पता लगाने और इस तरह के पोस्ट्स को शेयर करने वालों की मंशा का पता लगाना अति आवश्यक है.


जानें पूरा मामला

दरअसल, मामला एक विदेशी लड़की की लखनऊ में हुई संदिग्ध मौत का है. कहा जा रहा है कि यह लड़की थाईलैंड की थी पिछले एक महीने से लखनऊ में थी और कोरोना से उसकी मौत हो गई. प्रशासन और पुलिस ने हालांकि इस पूरी घटना के पीछे कोई आपराधिक कृत्य नहीं पाया लेकिन इस बीच सक्रिय हुए कुछ लोगों ने इस पूरी घटना को बेहद आपत्तिजनक ढंग से न सिर्फ़ प्रस्तुत किया बल्कि बिना कोई प्रमाण दिए इसके पीछे प्रमुख कारोबारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह का नाम ज़ोड़ दिया.


आरोप लगाने वालों ने इस बात की भी परवाह नहीं की कि वह जो गंभीर आरोप लगा रहे हैं उसका फ़िलहाल उनके पास न तो कोई प्रमाण है, और ना ही कोई सबूत है. वहीं हद तो तब हो गई जब कुछ ज़िम्मेदार लोगों द्वारा ट्विटर अकाउंट से उस लड़की को कॉलगर्ल तब बता दिया गया जिसकी कुछ ही घंटों पहले दुखद मृत्यु हुई है.


अभी तक की तफ्तीश में यही तथ्य सामने आ रहे हैं कि वे संजय सेठ शहर की साफ़ सुथरी छवि उनकी कारोबारी हैसियत और भारतीय जनता पार्टी में उनके ओहदे को लेकर परेशान एक तबके ने एक सोची समझी रणनीति के तहत बिना किसी सबूत और प्रमाण के उनका नाम उछाला. संजय सामाजिक कार्य भी करते हैं. कोरोनाकाल में वे रोजाना 1 हजार लोगों को भोजन करा रहे हैं, वहीं इस मामले में सियासी साज़िश भी साफ़ तौर पर नज़र आयी. हद यह भी है कि ख़ुद उनके घर के सदस्य उनकी माँ उनके बेटे समेत पूरा परिवार कोविड से जूझ रहा है ऐसे वक़्त में बिना प्रमाण और सबूतों के आरोप लगाए गए.


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