Independence Day 2023: आखिर 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस, जानिए इसकी वजह

Independence Day 2023: आज का दिन हम सभी भारतीयों के लिए काफी खास होता है, क्योंकि 15 अगस्त को अंग्रेजों से भारत को आजादी मिली थी, जिसके बाद से ही भारत को एक स्वतंत्र देश घोषित किया गया था। आज के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के लाल किले पर देश का झंडा लहराएंगे। खास बात ये है कि इस बार हम सब अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। पर आज भी बहुत से लोग इसके पीछे की पूरी वजह नहीं जानते हैं कि किस तरह ब्रिटिश साम्राज्य से लड़ कर हमारे क्रांतिकारियों 1947 में पूरी तरह से आजादी पाई थी। तो आइए आपको बताते हैं 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने की खास वजह।

15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस कैसे बना?

जानकारी के मुताबिक, ब्रिटिश की गुलामी से आजादी पाना भारत के लिए किसी चुनौती से कम नहीं थी लेकिन भारतीयों के अथक प्रयासों और दृढ़ निश्चय से देश स्वतंत्र हुआ। तकरीबन दो सेंचुरीज तक, अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया, पहले ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिए और फिर लंदन के बकिंघम पैलेस और ब्रिटिश संसद में ‘क्राउन’ के जरिए। भारत और पाकिस्तान में तत्कालीन ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद भारत एक स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य बनने के लिए अंग्रेजों के कोलोनियल क्लचेज से बाहर आया, 15 अगस्त भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में अस्तित्व में आया।

बता दें कि लॉर्ड माउंटबेटन को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश संसद के जरिए 30 जून, 1948 तक भारतीयों को सत्ता ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया था। कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों और राजनेताओं का मानना ​​​​था कि जून 1948 तक इंतजार करना इसके लायक नहीं था। सी राजगोपालाचारी ने प्रसिद्ध रूप से कहा था, “अगर उन्होंने जून 1948 तक इंतजार किया होता, तो ट्रांसफर की कोई शक्ति नहीं बची होती।” इसलिए, सत्ता परिवर्तन की तारीख को लॉर्ड माउंटबेटन ने अगस्त, 1947 कर दिया।

भारतीय स्वतंत्रता विधेयक 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया गया था और दो सप्ताह में पारित हो गया और आखिरकार एक कानून बन गया। इसने भारत और पाकिस्तान के डोमिनियन के निर्माण के जरिए, 15 अगस्त, 1947 को भारत में ब्रिटिश शासन का अंत किया।

लॉर्ड माउंटबेटन ने कहा था ये

“मैंने जो तारीख चुनी वो नीले रंग से निकली। मैंने इसे एक सवाल के जवाब में चुना। मैं ये दिखाने के लिए दृढ़ था कि मैं पूरे आयोजन का मास्टर था। जब उन्होंने पूछा कि क्या हमने कोई तारीख तय की है, तो मुझे पता था कि ये जल्द ही होना है। मैंने तब ठीक से काम नहीं किया था-मुझे लगा कि ये अगस्त या सितंबर के बारे में होगा और मैं फिर 15 अगस्त के लिए निकल गया। क्यों? क्योंकि ये जापान के आत्मसमर्पण (द्वितीय विश्व युद्ध में) की दूसरी एनिवर्सरी थी।” लॉर्ड माउंटबेटन को ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में ये कहते हुए कोट किया गया था। तब से, 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष को देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

इस बार की है ये थीम

भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की थीम नेशन फर्स्ट-ऑलवेज फर्स्ट रखी गई है। इस दिन लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे। टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को इस आयोजन के लिए खास तौर पर निमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, पिछले साल की तरह इस बार के आयोजन में भी लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। साथ ही, बच्चों की भी किसी भी तरह की सांस्कृतिक परफॉरमेंस नहीं होगी। कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स का एक ग्रुप शामिल होगा।

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