बिकरू कांड में शहीद सिपाही की पत्नी ने मांगी OSD के पद पर नौकरी, PM को भेजा मेल, कहा- ‘पक्षपात नहीं होना चाहिए’

भले ही कानपुर में हुए बिकरू कांड को एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है, पर अभी भी कई शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार न्याय की गुहार लगा रहे हैं. दरअसल, हाल हो में बिकरू केस में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की बेटी ने कानपुर में ओएसडी के पद पर जोइनिंग की है. जिसके बाद अब शहीद सिपाहियों की पत्नियों ने भी इसी नौकरी की डिमांड की है. इसके लिए मंगलवार को शहीद राहुल कुमार की पत्नी दिव्या भारती ने प्रधानमंत्री को ईमेल भेजा. इससे पूर्व दिव्या व दो अन्य शहीदों की पत्नियों ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजा था. बड़ी बात ये है कि शहीद राहुल की पत्नी ने भर्ती का फिजिकल एक्जाम पास कर लिया है.


सीओ की बेटी की नौकरी पर उठे सवाल

जानकारी के मुताबिक, दो जुलाई 2020 की रात बिकरू गांव में गैैंगस्टर विकास दुबे को पकडऩे गई पुलिस टीम पर फायरिंग में सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, शिवराजपुर थाना प्रभारी महेश कुमार यादव, दारोगा नेबूलाल, मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार सिंह और चार सिपाही बबलू कुमार, सुल्तान सिंह, राहुल कुमार व जितेंद्र पाल शहीद हो गए थे. इसमें बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा की बड़ी बेटी वैष्णवी मिश्रा ने ओएसडी पद के लिए आवेदन किया था. एक साल तक चली प्रक्रिया के बाद वैष्णवी को नियुक्ति मिल गई है


दूसरी तरफ शहीद दारोगा नेबूलाल की पत्नी और महेश यादव की पत्नी ने अपने बेटों की पढ़ाई पूरी होने तक का वक्त मांगा था. दारोगा अनूप की पत्नी नीतू ने दो बार दौड़ परीक्षा में हिस्सा लिया, लेकिन सफलता नहीं मिली है. सिपाही राहुल की पत्नी दिव्या दौड़ परीक्षा पास कर चुकी हैं, लेकिन उनकी लिखित परीक्षा अभी नहीं हुई है. सितंबर में होने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, सिपाही सुल्तान की पत्नी उर्मिला का आवेदन देर से पहुंचने के कारण अब तक चयन प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई.


अब उठी ये मांग

अब शहीद सिपाही राहुल, सुल्तान और दारोगा अनूप सिंह की पत्नियां भी ओएसडी के पद पर नौकरी मांग रही हैं. राहुल की पत्नी दिव्या ने कहा कि सभी शहीद के स्वजन को एक जैसी नौकरी मिलनी चाहिए. हम तीन महिलाएं परास्नातक तक चुकी हैं, लेकिन हमसे दारोगा के पद पर आवेदन कराया गया. मंगलवार देर शाम दिव्या ने प्रधानमंत्री को ई-मेल करके पत्र भेजा है. उन्होंने कहा कि दारोगा भर्ती के लिए सभी परीक्षाओं से गुजरने को कहा जा रहा है. हमें सीओ की बेटी की तरह कोई छूट नहीं दी जा रही है, जबकि भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह का पक्षपात नहीं होना चाहिए.


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